नागरिकों का कहना है कि ऐसे मामलों में कार्रवाई जरुरी है। इधर सीएम के आदेश पर जिम्मेंदार अधिकारियों की कार्रवाई छिटपुट कार्रवाई को माफिया दमन में शामिल करने तक ही सीमित है। यहां शहर से खिरहनी पहुंच मार्ग पर राहुल बाग के समीप माई नदी की तट पर ही सीमेंट से ढलाई और छपाई करवा दी गई। नागरिकों ने कहा जाहिर इससे नदी का इको सिस्टम प्रभावित होगा। यह अलग बात है कि पूर्व मेंं कई बार की गई शिकायत के बाद भी इस पर कार्रवाई नहीं हुई।
शासकीय जमीन पर मनमाने अतिक्रमण का ताजा उदाहरण सिविल लाइन रेस्ट हाउस के सामने है। नागरिकों ने बताया कि नगर निगम के वर्कशॉप से सटकर शेड बनाकर किए गए अतिक्रमण पर शिकायत के बाद भी नगर निगम के अधिकारी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
कलेक्ट्रेट से कुछ ही दूरी पर स्थित एस्सार पेट्रोल पंप के समीप नाला के उपर अतिक्रमण कर भवन बना दिया गया। वार्डवासियों ने बताया कि मनमाने निर्माण की शिकायत नींव बनाने से लेकर छत पडऩे तक की गई, लेकिन राजस्व से लेकर नगर निगम के अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की।
बरगवां में राय दरबार के सामने लाल भवन का निर्माण नजूल की जमीन पर किया गया। शिकायत हुई और भवन को गिराने के आदेश न्यायालय से भी जारी हुआ लेकिन मौके पर कार्रवाई नहीं हुई। नगर निगम का अमला कार्रवाई के लिए कई बार स्पॉट पर गया और बिना कार्रवाई किए ही लौट आया।
दूसरी ओर कलेक्टर एसबी सिंह का कहना है कि ऐसे मामलों पर कार्रवाई के लिए माफिया दमन दल का गठन किया गया है। कार्रवाई उन्हीं को करनी है।