यह है एनजीटी के निर्देश- एनजीटी के निर्देश हैं कि रेत खनन से नदियों का इकोसिस्टम बर्बाद नहीं हो इसके लिए 3 मीटर गहराई से ज्यादा खनन नहीं किया जाए। पानी के अंदर से बिल्कुल भी रेत नहीं निकाली जाए। रेत खनन नदी किनारे ही किया जाए।
नदी की बीच धार रेत का पहाड़- रेत खनन के दौरान मनमानी का आलम यह है कि नदी की बीच धार ही रेत का पहाड़ है। ऐसी स्थितियां ज्यादातर घाट पर है। ग्रामीणों ने बताया कि नदी में गहराई तक रेत निकालने के कारण पूर्व में बच्चों की मौत तक डूब जाने से हो गई है।
इस संबंध में प्रदूषण नियंत्रण विभाग क्षेत्रीय अधिकारी एसपी झा बताते हैं कि रेत खनन के लिए एनओसी दिए जाने के दौरान एनजीटी के निर्देशों का कड़ाई से पालन के निर्देश हैं। अगर नियमों का पालन नहीं हो रहा है तो कार्रवाई की जाएगी।