निर्माण के कुछ ही दिन बाद दो ट्रांसफार्मर की चोरी हो गई। सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो गए और बिजली के खंभे पर लगी बल्ब भी चोरी चली गई। इन सबकी शिकायत चार माह पहले आयुक्त से की गई। आयुक्त आरपी सिंह त्वरित कार्रवाई की तो बात कहते रहे, लेकिन कार्रवाई नहीं की। इसकी जानकारी कलेक्टर को भी है। निवर्तमान पार्षद का आरोप है कि पूर्व में ट्रांसफार्मर और बिजली उपकरण चोरी पर एफआइआर तक दर्ज नहीं कराई गई। अब कलेक्टर के प्रशासक रहते दोबारा राशि जारी की गई।
ट्रांसपोर्ट नगर विकास के लिए सड़क निर्माण में बड़ी राशि खर्च की गई है। निवर्तमान पार्षद का आरोप है कि सड़क निर्माण के दौरान ठेकेदार ने मानकों को ताक पर रखकर काम किया और निगरानी कर रहे नगर निगम के इंजीनियर भी आंख मूंदे रहे। सड़क निर्माण के चार माह बाद ही उसमें जगह-जगह गड्ढे हो गए। इस मामले में ठेकेदार पर जांच कार्रवाई नहीं की गई। शिकायत की फाइल दबा दी गई।
नगर निगम आयुक्त आरपी सिंह ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर में ट्रांसफार्मर चोरी और सड़क निर्माण में गड़बड़ी सहित बिजली के बल्ब और अन्य सामग्री चोरी की शिकायत मिली है। कार्रवाई के निर्देश अधीनस्त कर्मचारियों को दिए हैं। पता करवाते हैं कि क्या कार्रवाई हुई है।
ट्रांसपोर्टर नहीं ले रहे रुचि
नगर निगम की तमाम कोशिशों के बाद भी ट्रांसपोर्टर व्यवसाय शुरु करने में रुचि नहीं ले रहे हैं। कई ट्रांसपोर्टर ऐसे हैं जिन्होंने जमीन की रजिस्ट्री तो करवा ली है, लेकिन निर्माण के लिए नक्शा पास करवाने नगर निगम में आवेदन नहीं कर रहे हैं। इधर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएम तिवारी का दावा है कि ट्रांसपोर्ट नगर मेें व्यवसाय शुरू करने के लिए 117 ट्रांसपोर्टर के आवेदन विचाराधीन हैं।
बतादें कि नगर निगम द्वारा ट्रांसपोर्ट नगर बसाने के लिए जोर आजमाइश की जा रही है। इसी कड़ी में 3 फरवरी को कलेक्टर एसबी सिंह ने ट्रांसपोर्टर के ऑफिस निर्माण का शुभारंभ कुदाली चलाकर किया।