- 1712 आंगनवाड़ी केन्द्र जिले में संचालित है।
- 1 लाख 48 हजार 645 बच्चे हैं इन केन्द्रों में।
- 158.95 लाख रुपए इनके लिए दान मिला है।
े- 21 अलग-अलग मद में मिली है ये दान राशि।
जिले से योजना को मिली थी पहचान
ेआंगनवाड़ी केन्द्रों के जनभागीदारी से उन्नयन की योजना की शुरुआत कटनी जिले से हुई थी। अक्टूबर, 20 21 में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की पहल पर आंगनवाड़ी केन्द्रों को गोद लेकर उन्हें संवारने की कवायद हुई थीं। इसके शुरुआती बेहतर परिणाम सामने आएं तो प्रदेश सरकार ने एडॉप्ट इन आंगनवाड़ी योजना प्रदेश के हर जिले में इस साल जनवरी माह से लागू किया। इसमें कटनी मॉडल पर सभी आंगनवाड़ी के विकास किया जाना है।
2 हजार से ज्यादा समाजसेवी जुड़ें
जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों को गोद लेने की प्रक्रिया को इसी वर्ष जनवरी से व्यापक रूप दिया गया। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने आंगनवाड़ी केन्द्र 218 और पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जै ने आंगनवाड़ी केन्द्र 155 को गोद लेकर संवारने का संकल्प किया। इसके बाद बहोरीबंद विधायक प्रणय पांडे ने भी एडॉप्ट इन आंगनवाड़ी योजना में सक्रियता दिखाई। कुछ ही समय के अंदर 2 हजार 41 समाजसेवी इस मुहिम से जुड़ गए हैं। आंगनवाड़ी विकास के कटनी मॉडल को लेकर महिला बाल विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव सहित अन्य आला अधिकारी भी जिला कार्यक्रम अधिकारी को सराह चुके हैं।
कुपोषण दूर करने में मिलेगी मदद
जनसहयोग से आंगनवाड़ी केन्द्रों को संवारने का मकसद वहां बच्चों के लिए बेहतर सुविधाएं जुटाकर बच्चों के समग्र विकास के लिए परिवेश उपलब्ध कराना है। जनभागीदारी के जरिए केन्द्रों में पोषण आहार वितरण व्यवस्था भी बेहतर होगी। कुपोषण को दूर करने में मदद मिलेगी। आंगनवाड़ी में 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री माताओं को स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाएं मिलती है। 3-6 वर्ष की आयु के बच्चों को शाला पूर्व शिक्षा प्रदान की जाती है। जनसहयोग से मिली अतिरिक्त सुविधाओं से बच्चें भी आंगनवाड़ी केन्द्रों की ओर आकर्षित होंगे।
आंगनवाड़ी के लिए मिला दान (राशि लाख रुपये में)
कार्य केन्द्रों की संख्या कुल राशि
भवन मरमत 21 42
मरमत, रंगाई, पुताई 72 18
सौर ऊर्जा पैनल 22 2.2
बच्चों की गणवेश 452 36
जूते-चप्पल 984 15
बैठने की दरी 254 0.50
कुर्सी 732 27
टेबिल 142 11
पानी बोतल 276 2
पानी की टंकी 68 1.5
कूलर 16 01
सीलिंग फैन 12 0.10
स्लेट/पेंसिल 562 2.2
बर्तन 48 0.30
किताबें 92 0.10
खिलौने 172 0.20
झूला 23 0.30
वजन मशीन 27 0.05
शू रैक 12 0.10
वाइट बोर्ड 18 0.10
टेबिल फैन 15 0.30
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कुल योग 158.95 लाख रुपए
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इनका कहना है
एटॉप्ट इन आंगनवाड़ी योजना पर कलेक्टर के निर्देशन में अक्टूबर 21 से काम किया गया। जिले के जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व कर्मचारियों ने बेहतर सहयोग किया है। जिससे जिले के सभी केंद्रों की स्थिति में सुधार हुआ है। अब सुपोषण को लेकर पहल की जा रही है।
नयन सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी।