video, दुकानें बंद कर व्यापारियों ने किया विरोध, कहा- जीएसटी में बदलाव मंजूर नहीं
कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा बुलाए गए बंद का शहर के 30 व्यापारियों संगठनों ने किया समर्थन, 26 फरवरी को आधे दिन बंद रखी दुकानें.
Published: 27 Feb 2021, 01:22 PM IST
कटनी. जीएसटी में लगातार हो रहे बदलाव के विरोध में आखिरकार व्यापारी सड़क पर उतर ही आए। कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा जीएसटी में नौ सौ से ज्यादा बदलाव और बदलाव से पहले परेशानियों को लेकर व्यापारियों से सलाह नहीं लेने के विरोध में शुक्रवार को दुकानें बंद कर विरोध दर्ज कराने का निर्णय लिया। कैट द्वारा की गई बंद की अपील का शहर में व्यापक असर दिखा।
ज्यादातर दुकानें बंद रही और व्यापारी सगंठनों के प्रतिनिधि सड़क पर उतरकर यह बताते रहे जीएसटी में लगातार हो रहे संशोधन के कारण उन्हे व्यापार में किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कैट द्वारा बुलाए गए बंद का शहर के 30 व्यापारी संगठनों ने समर्थन किया। कांग्रेस नेताओं ने भी बंद का समर्थन कर सड़क पर उतरकर नारेबाजी की। शुक्रवार शाम तक मुख्य बाजार से लेकर आउटर तक अधिकांश दुकानें बंद रही।

शहर के 30 व्यापारी संगठनों ने किया बंद का समर्थन, बंद रखी दुकानें
कैट के समर्थन में शहर के 30 व्यापारी संगठनों ने समर्थन में दुकानें बंद रखी। इसमें चेेंबर ऑफ कामर्स, स्टेशन रोड व्यापारी संघ, आशीर्वाद मार्केट व्यापारी संघ, शालीमार मार्केट व्यापारी संघ, मेन रोड व्यापारी संघ, झूलेलाल मार्केट व्यापारी संघ, सुभाष चौक व्यापारी संघ, कपड़ा व्यापार संघ, किराना व्यापारी संघ, थोक वस्त्र विक्रेता संघ , हीरागंज व्यापारी संघ, गोल बाजार व्यापारी संघ, मालवीय गंज व्यापारी संघ, झंडा बाजार व्यापारी संघ, सराफा एसोसिएशन, मेडिकल रिटेल व्यापारी संघ, मेडिकल होलसेल व्यापारी संघ, मोबाइल विक्रेता संघ, कटनी ऑटो पाट्र्स एसोसिएशन, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, मध्यप्रदेश लघु उद्योग संघ, चूना उद्योग संघ, माधव नगर व्यापारी संघ, दाल मिल एसोसिएशन, राइस मिल एसोसिएशन, कन्विंसिंग एजेंट एसोसिएशन ,चार्टर्ड अकाउंटेंट एसोसिएशन, बस स्टैंड व्यापारी संघ, प्लाइवुड एंड हार्डवेयर मर्चेंट एसोसिएशन व टिंबर मर्चेंट एसोसिएशन शामिल है।

व्यापारियों ने गिनाई जीएसटी की परेशानियां
जीएसटी में होने वाली परेशानियों को लेकर बंद से एक दिन पहले कैट के सदस्यों ने व्यापारियों से समर्थन मांगा। इससे पहले मीडिया प्रतिनिधियों को परेशानी बताई। कैट के जिलाध्यक्ष सुरेश सोनी, महामंत्री आशीष गुप्ता, कोषाध्यक्ष आशीष जैन, भगवानदास माहेश्वरी, सुधीर मिश्रा, अजय सरावगी, सीए संदीप पटेरिया, एडवोकेट सुरेंद्र जायसवाल ने बताया कि जीएसटीआर-1 में लाबब्लिटी दिखाने और जीएसटीआर-3 में उसे नहीं लेने पर विभाग बिना नोटिस के डिफरेंस अमाउंट की वसूली कर सकता है।
जीएसटीआर-3 में किन्ही कारणों से दो माह की जानकारी नहीं दे पाए तो जीएसटीआर-1 में जानकारी नहीं दे पाते हैं और इनपुट क्रेडिट भी नहीं मिलती। ई-वे बिल भी जनरेट नहीं होता। किसी भी कारण से रिटर्न फ़ाइल नहीं कर पाते हैं तो डिपार्टमेंट सेक्शन 73 के अंदर आप को नोटिस दे सकता है उसमें आपके इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर में जो क्रेडिट पड़ा है उसका क्रेडिट आपको नहीं मिलेगा बल्कि पूरी देय राशि पर आपको ब्याज देना होगा। व्यापारियों ने बताया कि ऐसी कई परेशानियां हैं जिसमें आए दिन व्यापारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
यह भी जानें
- बंद के दौरान कई बाजार क्षेत्र में कुछ दुकानें आधी शटर के साथ खुली रहीं। उपभोक्ताओंं के पहुंचने पर सामान भी दिया गया।
- कांग्रेस नेताओं ने एक दिन पहले ही बंद के समर्थन की घोषणा कर दी थी। शुक्रवार को बंद के समर्थन में सड़क पर उतरे। नारे लगाए। इस दौरान बड़ी संख्या में शहर कांग्रेस के पदाधिकारी मौजूद रहे।
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