अब कटनी के कैमोर के नागरिक बेहद परेशान है पुलिस की इस कार्रवाई से। उऩका कहना है कि पुलिस को कोई भी कागज दिखा दीजिए, मगर चालान तो कट के रहेगा। ऐसे में अब ज्यादातर लोगों ने इस मामले को लेकर एसपी से मिल कर फरियाद करने का मन बनाया है।
नागरिकों का आरोप है कि पुलिस आम नागरिकों के दोपहिया वाहनों को टारगेट किए हुए है। पुलिस की इस कार्रवाई से मध्यमवर्गीय ज्यादा परेशान हैं। ड्राइविंग लाइसेंस, आरटीओ का चालान, मास्क, हेलमेट सब कुछ होने के बाद भी चालान काटा जा रहा है। नागरिकों का आरोप है कि जिसने हेलमेट लगाया है उससे कागजात मांगे जाते हैं, कागजात पूरे हैं तो प्रदूषण सर्टिफिकेट चाहिए। यानी कुछ न कुछ तो कारण वो खोज ही लेते हैं चालान काटने के। लेकिन इसी पुलिस की निगाह ओवरलोडेड वाहनों पर नहीं पड़तीं। वो जो शहर की सीमा पर बेतहाशा वाहन चला रहे हैं जिनसे रोजाना दुर्घटनाएं हो रही हैं। उन्हें खुली छूट है। वीवीआईपी लोग हैं जो चार पहिया वाहनों में काली फिल्म लगा कर घूम रहे हैं। उन्हें भी पुलिस पास दे देती है। शहर में तेज रफ्तार चल रहे ट्रैक्टर ट्राली पर भी पुलिस की निगाह नहीं जाती जो आए दिन दुर्घटना का सबब बन रहे हैं।