कटनीPublished: Jun 19, 2020 11:14:45 pm
narendra shrivastava
नियमों को ताक में रखकर हो रहा रेत का अवैध खनन, सवालों में खनिज, पुलिस-प्रशासन की भूमिका
Mining mafia reached the buffer zone
ढीमरखेड़ा। तहसील क्षेत्र ढीमरखेड़ा के ग्राम दतला नदी में खनिज माफियाओं के द्वारा बिना घाट स्वीकृत रेत निकासी मामले को लेकर पूर्व में एक हजार रुपये का पिटपास देकर वसूली की जा रही थी। ग्रामीणों ने अधिकारियों से शिकायत की। जिसके बाद प्रशासन ने बम्होरी घाट के रास्ते को जेसीबी से हटवा दिया था। इसके बावजूद माफियाओं के द्वारा शुक्रवार दोपहर दतला नदी में दशरमन निवासी रेवा शुक्ला के खेत में जेसीबी लगाकर अवैध रूप से रेम्प निर्माण किया जा रहा था। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत तत्काल में सिलौडी चौकी प्रभारी अभिषेक उपाध्याय से की। काफी समय बीतने के बाद पुलिस स्टाफ से जब कोई नहीं आया तो ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार को भी मामले की जानकारी दी। बताया कि किसान से बगैर पूछे ही रैंप निर्माण किया जा रहा है, जबकि यहां कोई घाट भी स्वीकृत नहीं है। पुलिस अधीक्षक ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि किसी की निजी भूमि में कोई बिना सहमति के रैंप नहीं बनवा सकता है। स्टॉफ को भिजवा कर जानकारी ली जाएगी और दोषी पाए जाने पर सम्बन्धितों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधीक्षक से शिकायत करने के बाद ग्रामीणों के पास एसडीओपी प्रमोद सारस्वत ने संपर्क कर स्टाफ भेजने का आश्वासन दिया और सिलौडी चौकी से एएसआइ यादव और आरक्षक सौरभ जैन मौके पर पहुंचे। जहां जेसीबी से नदी के अंदर रैंप निर्माण का कार्य चालू था। ग्रामीणों के द्वारा एएसआइ यादव से नाम पूछने पर एएसआइ ने जवाब नहीं दिया। जिसका वीडियो भी ग्रामीणों ने बनाकर अधिकारियों के पास भेज कर पुलिस की ठेकेदार के साथ सांठगांठ की शिकायत की। ग्रामीणों का आरोप है कि चौकी प्रभारी अभिषेक उपाध्याय रेत के वाहनों पर कार्रवाई नहीं कर रहे। घाट में मौजूद गुर्गों व ग्रामीणों के बीच आए दिन विवाद की स्थिति बनती है। चौकी प्रभारी सिलौडी अभिषेक उपाध्याय का कहना है कि रैम्प बनाने की शिकायत मिली थी, स्टॉफ को भेजा गया था, जेसीबी नदी के अंदर चलते हुए नहीं मिली, जिस कारण से किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई।