दोनों पैर गंवा चुके पिता की 11 साल की बेटी से दुराचार, झकझोर देने वाली दास्तां
घटना से सुध-बुध खो चुकी बेटी की तलाश में पुलिस ने भी बरती लापरवाही

कटनी. दोनों पैर से दिव्यांग और सात साल पहले पत्नी की मौत के बाद भी दो बेटियों के परवरिश के लिए जूझ रहे पिता की दास्तां झकझोर देने वाली है। 11 साल की बेटी से दुराचार के बाद वह अपना सुध-बुध खो चुकी है। बेटी कब कहां चली जाए कोई भरोसा नहीं रहता। दिव्यांग पिता की एक समस्या यह भी है कि ६ साल की बेटी की परवरिश में कहीं कोई बाधा नहीं आए। मंगलवार को पिता एसपी के पास पहुंचे और बेटी को हॉस्टल में भर्ती करवाने की गुहार लगाई। दोनों पैर से दिव्यांग पिता की लाचारी का आलम यह है कि 29 अप्रैल को उसकी 11 साल की बेटी दुराचार का शिकार हो गई। घटना की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराने के बाद आरोपी को तो पुलिस हिरासत में ले गई, लेकिन घटना के बाद से बेटी सुध-बुध खो चुकी है। सात दिन से बेटी के घर नहीं पहुंचने से परेशान पिता ने दिव्यांग होने के बाद भी शहर के चप्पे-चप्पे पर तलाश की, लेकिन कहीं भी बेटी का पता नहीं चला। बेटी के लापता होने की जानकारी कोतवाली थाने में भी दी, लेकिन वहां भी पुलिस का रवैया सहयोगात्मक नहीं रहा। सात दिन तक बेटी का कहीं भी पता नहीं चलने के बाद परेशान पिता मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर से शिकायत दर्ज कराने जा रहा था, तभी सड़क पर बेटी मिल गई। तब बेटी को लेकर कलेक्टर के बजाए एसपी के पास पहुंचा गुहार लगाई कि उसके परवरिश के हॉस्टल में भर्ती करवा दिया जाए। बड़ी बेटी को हिरवारा गांव स्थित आश्रम से एक साल पहले यह कहकर बाहर कर दिया गया कि पिता जीवित हैं। पिता का कहना है कि हॉस्टल वालों ने यह नहीं देखा कि दोनों पैरों से लाचार होने के बाद बेटी की अच्छी परवरिश कैसे होगी।
इस संबंध में एसपी अतुल सिंह का कहना है कि दुराचार पीडि़त बच्ची के दिव्यांग पिता समस्या लेकर आए थे। पीडि़त बच्ची घर से बाहर स्टेशन के आसपास भटकते दिखी तो घर छोड़वा दिए थे। हम प्रयास कर रहे हैं कि बेटी की परवरिश का बेहतर इंतजाम हो जाए।
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