अक्टूबर से नहीं रिलीज फंड
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक यह बताया गया कि अक्टूबर माह केंद्र से सरकार ने फंड रिलीज नहीं किया है। इस कारण जिले की 4047 पंचायतों के खातों में राशि जमा नहीं कराई गई है। वहीं केंद्र सरकार ने राज्य सरकार द्वारा उपयोगिता सर्टिफिकेट नहीं भेजने की बात कहीं है। बहरहाल, राज्य और केन्द्र की इस लड़ाई में नुकसान ग्राम पंचायतों और मजदूरों का हो रहा है। वहीं इस वक्त लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी होने की वजह से मनरेगा का बजट मिलने की उम्मीद नहीं है। मतलब साफ है कि इस साल ना तो सड़क नसीब होगी और ना ही मजदूरों को मजदूरी। पुरानी देनदारी के चलते बाजार से भी पंचायतों को सामान नहीं मिल रहा है।
खास-खास:
– मनरेगा में अभी भी 10 हजार 797 काम पेंडिंग।
– मजदूर भी कर रहे मनरेगा में मजदूरी से किनारा।
– मजदूरी का भुगतान न होने से पलायन को मजबूर ग्रामीण
– पीएम योजना के मिस्त्री वर्ग का भी भुगतान अटका।
यह है ब्लॉकवार बकाया राशि की स्थिति (राशि लाख में)
ब्लॉक सामग्री मजदूरी
बड़वारा 31.98 22.02
बहोरीबंद 36.47 22.82
ढीमरखेड़ा 105.63 29.14
कटनी 45.22 9.29
रीठी 20.69 11.68
विगढ़ 87.27 18.63
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योग 343.96 113.91
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इनका कहना है
शासन द्वारा पंचायतों को रोजगार गारंटी मद की राशि नहीं देने से पंचायतों में विकास और निर्माण कार्य ठप हो गए है, जो कार्य प्रगतिरत है, वह भी राशि के अभाव में अधूरे छोड़े जा रहे हैं। मजदूरी और बिलों के भुगतान के लिए सरपंच जनपद से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। वर्तमान समय में ग्रामीण बेरोजगारों के हालात खराब हो रहे हैं। उनके खाते में पैसा नहीं पहुंच रहा है और अब वे रोजगार की तलाश में शहरों की तरफ पलायन करने की तैयारी कर रहे हैं।
अनंत आंनद दुबे, सरपंच, बहोरीबंद।
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दिसंबर से मनरेगा का भुगतान नहीं आया है। राज्य स्तर की यह समस्या है। वर्तमान मे मजदूरों का मजदूरी भुगतान हो इसके लिए हमारे द्वारा लगातार पत्र व्यवहार किया जा रहा है। जैसे ही राशि जारी होती है पंचायतों को जारी की जाएगी।
डॉ. संतोष बाल्मिक, जिला मनरेगा अधिकारी।