script

सामाजिक सौहार्द के नजीर मो. इलाहीबख्स, भगवान भोलेनाथ के लिए हंसते-हंसते दान की 28 एकड़ जमीन

locationकटनीPublished: Nov 11, 2019 11:58:03 am

Submitted by:

balmeek pandey

जिले में कौमी एकता की मिसाल पेश करने वाले बरही निवासी मो. इलाहीबख्स भी याद किए गए। जिन्होंने भगवान भोलेनाथ के भव्य मंदिर और उसके संचालन के लिए हंसते-हंसते जमीन मंदिर को दान में दी। बरही का विजयनाथ धाम मंदिर कौमी एकता की मिसाल है। यह शिव मंदिर एक मुस्लिम धर्मावलम्बी की पहल पर बना था।

Mo. Ilahibakhs donated 28 acres of land for Shiva temple

Mo. Ilahibakhs donated 28 acres of land for Shiva temple,Mo. Ilahibakhs donated 28 acres of land for Shiva temple

बालमीक पांडेय @ कटनी. अयोध्या राम जन्मभूमि को लेकर सर्वोच्च न्यायालय का जैसे ही ऐतिहासिक फैसला आया तो हर वर्ग के लोगों ने उसका स्वागत किया। जगह-जगह कौमी एकता की मिसाल देखने को मिली। हिंदू-मुस्लिमों ने एक-दूसरे का मुंह मीठा कराकर फैसले को सिरोधार्य किया। इन सबके बीच कौमी एकता की मिसाल बरही नगर की भी सामने आई जो दिनभर चर्चाओं में रही। 40 दिन तक 200 से अधिक घंटों तक सुनाई के बाद हुए फैसले पर निगाहें तो लोगों की रहीं तो वहीं बरही क्षेत्र सहित समूचे जिले में कौमी एकता की मिसाल पेश करने वाले बरही निवासी मो. इलाहीबख्स भी याद किए गए। जिन्होंने भगवान भोलेनाथ के भव्य मंदिर और उसके संचालन के लिए हंसते-हंसते जमीन मंदिर को दान में दी। बरही का विजयनाथ धाम मंदिर कौमी एकता की मिसाल है। यह शिव मंदिर एक मुस्लिम धर्मावलम्बी की पहल पर बना था। मुस्लिम धर्मावलम्बी ने इसके लिए अपनी 28 एकड़ जमीन दान में दे दी थी। यह मंदिर जन आस्था के साथ सामाजिक समरसता की भी मिसाल है।

 

VIDEO: हेल्थ एण्ड वेलनेस के लिए सजी योग की क्लास, निरोग रहने किया एक्सरसाइज, लगाए ठहाके

 

मो. इलाहीबख्श बने मिसाल
स्थानीय गिरजा प्रसाद ने बताया कि बहुत साल पहले कई दिनों तक चली खुदाई के बाद स्वंभू शिव ***** निकले। शिवलिंग खोदने में मिली विजय के बाद मंदिर का नाम भी विजयनाथ रख दिया गया, लेकिन जब मंदिर निर्माण और संचालन की बात आई तो मो. इलाहीबख्स आगे आए और कहा कि बाबा की स्थापना के लिए वे जमीन अपनी दान करना चाहते हैं। मो. इलाहीबक्स ने उसी समय 28 एकड़ जमीन बाबा विजयनाथ मंदिर को दान में दे दी। तभी से विशाल प्रांगण में न सिर्फ मंदिर बना है बल्कि भव्य मेले का आयोजन भी होता है। जो लगभग एक माहतक चलता है।

 

राशि हड़पने वाले जिर्री और बरहटा सचिव निलंबित, अब सरपंच और उपयंत्रियों पर भी होगी कार्रवाई

 

बहु व नाती बोले दादा बाबा होते खुश
बहु जुबेदा बी पति मो निशार, नाती मो जमाल, कमला खान ने अयोध्या फैसले को लेकर कहा कि जहां पर राम मंदिर था वहीं मंदिर का निर्माण होना चाहिए। अब तो झगड़ा की जड़ समाप्त हो गई। जुबेदा बी ने कहा कि दादा ससुर के इस फैसले से वे खुश है। आज मंदिर में भव मेला लगता है, जिससे नगर का ही नाम होता है, तीनों नातियों ने भी फैसले को लेकर कहा कि सभी को सम्मान करना चाहिए। देश की एकता और अखंडता बरकरार रहनी चाहिए।

ट्रेंडिंग वीडियो