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मो. इलाहीबख्श बने मिसाल
स्थानीय गिरजा प्रसाद ने बताया कि बहुत साल पहले कई दिनों तक चली खुदाई के बाद स्वंभू शिव ***** निकले। शिवलिंग खोदने में मिली विजय के बाद मंदिर का नाम भी विजयनाथ रख दिया गया, लेकिन जब मंदिर निर्माण और संचालन की बात आई तो मो. इलाहीबख्स आगे आए और कहा कि बाबा की स्थापना के लिए वे जमीन अपनी दान करना चाहते हैं। मो. इलाहीबक्स ने उसी समय 28 एकड़ जमीन बाबा विजयनाथ मंदिर को दान में दे दी। तभी से विशाल प्रांगण में न सिर्फ मंदिर बना है बल्कि भव्य मेले का आयोजन भी होता है। जो लगभग एक माहतक चलता है।
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बहु व नाती बोले दादा बाबा होते खुश
बहु जुबेदा बी पति मो निशार, नाती मो जमाल, कमला खान ने अयोध्या फैसले को लेकर कहा कि जहां पर राम मंदिर था वहीं मंदिर का निर्माण होना चाहिए। अब तो झगड़ा की जड़ समाप्त हो गई। जुबेदा बी ने कहा कि दादा ससुर के इस फैसले से वे खुश है। आज मंदिर में भव मेला लगता है, जिससे नगर का ही नाम होता है, तीनों नातियों ने भी फैसले को लेकर कहा कि सभी को सम्मान करना चाहिए। देश की एकता और अखंडता बरकरार रहनी चाहिए।