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यहां सालभर में तीन बार मनाई जाती है नवरात्रि, वजह जानने पढि़ए पूरी खबर

locationकटनीPublished: Apr 25, 2018 11:02:15 am

Submitted by:

dharmendra pandey

बहोरीबंद तहसील के ग्राम कोहका ब्रजधाम में अनूठी परंपरा कायम

Sita Jayanti 24th April

Sita Jayanti 24th April

कटनी.स्लीमनाबाद. बहोरीबंद तहसील के ग्राम कोहका ब्रजधाम में सालभर में तीन बार नवरात्र मनाया जाता है। इस गांव में यह अनूठी परंपरा वर्षों से चली आ रही है जो आज भी कायम है।
माना जाता है कि चैत्र नवरात्र में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था व शारदेय नवरात्र में भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था। इस कारण यहां के लोग दोनों नवरात्र प्रमुख रूप से मनाते हैं, लेकिन यहां वैशाख नवरात्र को तो और भी महत्वपूर्ण बताया गया है। लोगों का कहना है कि जगत जननी मां सीता का जन्म वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को हुआ था। इस अवसर पर ग्राम कोहका स्तिथ मां कालका मंदिर में जवारे बोये जाते है। इन दिनों समूचा ब्रजधाम शक्ति की आराधना में लीन है। अलसुबह से मां के दरबार मे जल चढ़ाने, आरती पूजन करने के लिए भक्तो की भीड़ मंदिर उमड़ रही है।
दूर-दूर से आते है श्रद्धालु
ग्रामीण महेश यादव, गिरिजा यादव, हरिलाल यादव ने बताया कि तहसील सहित जिले मे यह पहला मंदिर है जहां सालभर में तीन नवरात्र मनाये जाते है। श्रद्धालुओं की माता हर मनोकामना पूरी करती है। गांव की रक्षक के रूप मे जानी जाने वाली माता के दर से हर मुराद पूरी होती है।
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श्रीराम सीता विवाहोत्सव में श्रद्धालु बने बाराती
स्लीमनाबाद. उपतहसील स्लीमनाबाद स्तिथ मां सिंहवाहिनी के 25वें प्राकट्योत्सव के अवसर पर रजत जयंती वर्ष मनाया जा रहा है। इस अवसर पर श्रीराममहायज्ञ व श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा का वाचन रामदासजी महाराज कर रहे हैं। श्रीराम कथा पंडाल में देर रात तक श्रीराम विवाह महोत्सव का भक्ति उत्साह अनोखी छठा देखते ही बन रही थी। जनक नंदनी माता सीता का विवाह भगवान श्री राम के साथ हुआ। विवाहोत्सव के लिए हरा भरा मंडप सजाया गया। बालक-बालिकाओं के विशेष श्रृंगार से बनी अनुपम छवि को सराहा गया। जैसे ही यज्ञ स्थल से भगवान की बारात विवाह स्थल के लिए भव्य शोभायात्रा के साथ निकली। विवाहोत्सव के दर्शनों को उपस्थित श्रद्धालुओं में भक्ति आनंद इस तरह से समाया की बारात मेंं शामिल होने की होड़ लग गई। सायंकालीन आरती कर प्रसाद का वितरण कर कथा को विश्राम दिया गया वही रात्रि कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

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