पुलिस का कहना है कि उसे मुखबिर से सूचना मिली थी कि भूला गांव में एक बिना नंबर की मारुति कार से शराब की तस्करी की जा रही है। इस सूचना के बाद पुलिस अधीक्षक ने टीम गठित कर उसे मटवारा फाटक के पास नाकेबंदी को भेजा। नाकेबंदी के दौरान एक सफेद रंग की कार आती दिखी तो पुलिस ने उसे रोका। कार रुकी जरूर पर कार चालक कूद कर भाग निकला। उस वक्त अंधेरा हो चला था जिसके चलते पुलिस को कार चालक का पता नहीं लग सका। ऐसे में पुलिस ने कार को जब्त कर लिया। कार से करीब 58 पेटी देशी शराब, कुल 2900 पाव की शीशी जब्त बरामद हुई जिसे जब्त कर लिया गया। इसकी अनुमानित कीमत तीन लाख रुपए बताई जा रही हैं। पुलिस ने कार व शराब के साथ दो मोबाइल भी जब्त किया है।
पुलिस के अनुसार जब्त शराब उमरिया जिले से लाई जा रही थी। लेकिन जिस कार से शराब जब्त की गई, उसका चालक तो पुलिस को देखकर भाग गया लेकिन कार में सवार दूसरे युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। युवक से पूछताछ के बाद पुलिस ने उमरिया जिले के अखड़ार शराब दुकान के दो सेल्समैनों को भी गिरफ्तार किया है।
पुलिस अब शराब तस्करी में शराब दुकान के ठेकेदार की भूमिका की जांच में जुटी है। इस बीच नाकेबंदी के दौरान पुलिस गिरफ्त से भाग निकलने वाले कार चालक सहित अन्य अवैध शराब कारोबारयों की भी तलाश शुरू कर दी गई है। आरोपियों के संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।
पुलिस अधीक्षक आईपीएस मयंक अवस्थी ने कार्रवाई में शामिल पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है। इस मामले में पुलिस गिरफ्त में आए कार सवार, बहोरीबंद थाना अंतर्गत नीमखेड़ा गांव निवासी अरुण कुमार जायसवाल ने पूछताछ में बताया कि शराब बल्लन तिवारी ने मंगाई गई थी। शराब उमरिया जिले के अखड़ार से भेजी गई थी। पुलिस टीम ने अखड़ार की शराब दुकान में दबिश दी और शराब दुकान के सेल्समैन रोहित गुप्ता व मनोज सिंह परिहार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में सेल्समैनों ने बताया कि बल्लन तिवारी के लिए ठेकेदार संतोष जायसवाल के कहने पर शराब भेजी गई थी। अब पुलिस को आरोपी बल्लन तिवारी, कुशल सिंह सहित की तलाश है।
अवैध शराब की तस्करी पकड़ने में ये रहे शामिल अवैध शराब पकड़ने की मुहिम में स्लीमनाबाद थाना प्रभारी टीआइ अजय सिंह, माधवनगर थाना प्रभारी टीआइ संजय दुबे, बड़वारा थाना प्रभारी एसआई अंकित मिश्रा, एसआइ संतराम यादव, मंजू पटैल, एएसआइ विजय शंकर गिरी, अनुराग पाठक, प्रदीप जाटव, कप्तान सिंह, प्रधान आरक्षक महेंद्र यादव, आरक्षक सोने सिंह, ब्रजेश सिंह, राजीव परतेती, रोहित सिंह, राजा साहू आदि शामिल रहे।