दोहन रुका न योजना पर काम
बता दें कि कांकीट से वर्षा जल थम नहीं रहा, बोर खनन से भूजल का दोहन बढ़ गया है, भूमिगत जलस्रोत घटने से बिगड़ते हालत को सुधारने यह अभियान शुरू किया है। जिसमें लोगों को पानी का मोल समझाया जा सके। यह अभिनान मरणासन्न स्थिति में है। हैरानी की बात तो यह है जल शक्ति अभियान की रैंकिंग में कटनी जिला एकदम फिसड्डी है। बता दें इस अभियान में 257 जिलों को शामिल किया गया है। इसमें बकायदा नगर निगम में अलग से अधिकारी तैनात हैं, जिनकों भूमिगत जल का स्तर मापकर और नतीजों के बाद जल संरक्षण को मिशन मोड में लागू करना था। केंद्र सरकार की बारिश के पानी का संचय, जल संरक्षण और जल प्रबंधन को बढ़ावा देने वाली योजना को लेकर नगर निगम तनिक भी गंभीर नहीं है।
ये पांच प्रमुख होने थे काम
जल शक्ति अभियान के तहत जल संरक्षण, बारिश की पानी का संचय, परंपरागत जलाशयों को फिर से जीवित करना, सूखे पड़े जलाशयों को पुनर्जीवित करना, वॉटर शेड और पौधे लगाने जैसे पांच मुख्य कामों पर जोर देना है। हैरानी की बात तो यह है नगर निगम किसी पर भी काम नहीं कर पाया।
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खास-खास:
– डिवाइडर, केसीएस, साधूराम व गुलाबचंद स्कूल में रोपे गए अधिकांश पौधे सुरक्षा के अभावा में खराब।
– ननि के पीडब्ल्यूडी विभाग में 300 लोगों की रेन वॉटर हावेस्टिंग की फाइल रिजेक्ट, नए पर नहीं शुरू काम।
– अधिक जल खपत करने वाले फसलों की जगह कम पानी वाले फसलों की खेती पर सरकार प्रोत्साहित करेगी, किसानों को अवेयर करना है।
– शहरों से निकलने वाले गंदे पानी को साफ कर खेती और उद्योगों में इस्तेमाल किया जाना है।
– किसानों व लोगों को जानकारी देना है कि कैसे जल की बचत की जा सकती है और तकनीक का इस्तेमाल कर कैसे जल का प्रबंधन किया जा सकता है।
इसलिए पड़ी अभियान का अवश्यकता
बता दें कि 11.18 क्यूबिक मीटर प्रति किलो फसल पानी का इस्तेमाल होता है, 1951 में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता सलाना 5177 क्यूबिक मीटर थी, जो 2011 में घटकर 1545 क्यूबिक मीटर हो गया और 2025 तक 1341 क्यूबिक मीटर सलाना होने का अंदेशा है। नीति आयोग के अनुसार पेयजल की गंभीर समस्या है। हर शहर में बड़ा तबका साफ पानी के लिए जूझ रहा है। इस समस्या निपटने अभियान शुरू किया गया।
इनका कहना है
इस अभियान में 17-18 हजार पौधे लगवा दिए गए हैं। पांच सोखपिट भी बनवाए गए हैं। टारगेट बड़ा है। रेन वॉटर हार्वेस्टिंग योजना पर काम कराने तैयारी चल रही है। जलाशयों और वॉटर शेड पर भी काम करें।
सुधीर मिश्रा, नोडल अधिकारी जलशक्ति अभियान नगर निगम।