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बड़ा अमला, फिर भी गंदगी
डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए 90 माटरकृत वाहन, 10 कंटेनरकृत तिपहिरया साइकिल होना बताया गया है। साथ ही एक पशु गाड़ी, 44 टिपर वाहन, 2 ट्रैक्टर, दो डंफर प्लेसर, 44 अपशिष्ट संग्राहक, दो कंपैक्टर, जेसीबी और लोडर दो वाहन बताए गए हैं। इतना ही नहीं नगर नगम का दावा है कि प्रत्येक सफाई कर्मचारी को कचरा संग्रहण के लिए तिपहिया साइकिल देना बताया गया, लेकिन कुछ लोगों के पास है। वहीं कई साइकिलें चौपाटी के पास स्टोर में कबाड़ पड़ी हैं। रात 11 बजे और सुबह कचरे से गलियां अटी रहती हैं और नगर निगम का मानना है कि मात्र पांच प्रतिशत लोग ही गलियों में कचरा फेंक रहे हैं।
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45 वार्डों में 107 मलिन बस्तियां
नगर निगम द्वारा स्वच्छता को लेकर पूरा खाका अंदाज में बनाया गया है। ताज्जुब की बात तो यह है कि नगर नगम के अधिकारियों ने 45 वार्डों में 107 मलिन बस्तिया बताई गईं हैं। डंपिंग साइड सहित कचरा संग्रहण के दौरान अपशिष्ट को ढंगने के पर्याप्त इंतजाम बताए गए हैं, लेकिन शहर में खुले वाहनों से ही कचरा ढोया जा रहा है।
शहर में स्वच्छता को लेकर खास-खास:
– निकाय का क्षेत्रफल है 69 वर्ग किलोमीटर, 2 लाख 21 हजार 883 है जनसंख्या।
– 45 वार्डों में 42 हजार 243 हैं परिवार, 5 हजार 140 गैर आवासीय परिसर।
– प्रति व्यक्ति के मान से एमएसडब्ल्यू एकत्र कर रही 300 ग्राम कचरा।
– प्रसंस्कृत ठोस अपशिष्ट की मात्रा 80 व लैंड फिल बता रहे 16 टीपीडी।
– शहर की 240 किलामीटर की सड़क, गलियों, लेना और बाइलेनों की हो रही सफाई।
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इनका कहना है
कटनी नगर में कचरा संग्रहण एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर दो बार विधानसभा में सवाल किया गया, लेकिन सही जवाब नहीं मिला। 26 जुलाई को भी प्रश्न लगाया गया है, लेकिन जवाब नहीं मिला। नगर निगम के अधिकारी गोलमोल उत्तर दे रहे हैं।
संदीप जायसवाल, विधायक।
पूर्व के वर्षों में क्या हुआ है इसकी जानकारी नहीं है। अभी में कुछ माह से कटनी में हूं। एमएसडब्ल्यू को लेकर विशेष जानकारी नहीं है। इसके नोडल अधिकारी सुरेंद्र मिश्रा हैं वहीं बता पाएंगे। मेरे ख्याल से सब बढिय़ा ही चल रहा है।
आरपी सिंह, आयुक्त नगर निगम।