अब इन प्राइवेट अस्पतालों में भी हो सकेगा पांच लाख रुपए तक का नि:शुल्क इलाज, बड़े काम की है खबर
शहर के तीन अस्पतालों को मिला एनएबीएच सर्टिफिकेट, आयुष्मान के तहत मरीजों को मिलेगा उपचार, पहले सिर्फ एक ही निजी अस्पताल के पास था सर्टिफिकेट

कटनी. जिले के हजारों मरीजों के लिए राहतभरी खबर है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई आयुष्मान निरामयम योजना के तहत जिले के मरीज न सिर्फ जिला अस्पताल बल्कि अब निजी अस्पताल में भी अपना उपचार करा सकेंगे। एक अस्पताल नहीं बल्कि अब तीन-तीन शहर के निजी अस्पतालों को एनएबीएच का सर्टिफिकेट जारी हो गई है। जिला अस्पताल में राहत न मिलने व यहां से केस रेफर होने पर मरीजों व उनके परिजनों को उपचार के लिए शहर के बाहर नहीं जाना पड़ेगा। वे एमजीएम अस्पताल, चांडक हॉस्पिटल और धर्मलोक हॉस्पिटल में उपचार करा सकेंगे। तीनों निजी अस्पतालों को एनएबीएच सर्टिफिकेट जारी हो गया है। वहीं चांडक हॉस्टिल को भारत सरकार की आयुष्मान योजना सहित अनेक योजनाओं के तहत उपचार के लिए अधिकृत किया गया है। कोई भी पात्र मरीज इन योजनाओं के लिए कैशलेश ट्रीटमेंट की सुविधा प्राप्त कर सकेगा। आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख रुपए किसी भी गंभीर बीमारी का उपचार होगा। हांलाकि आयुष्मान योजना के शुरुआती दौर में सिर्फ एमजीएम हॉस्पिटल के पास ही एनएबीएच सर्टिफिकेट था, धर्मलोक और चांडक में चिकित्सकों का अनुबंध पत्र न होने पर एनएबीएच सर्टिफिकेट जारी नहीं हो पाया था। अब जारी हुआ है।
इसलिए जरुरी है एनएबीएच सर्टिफिकेट
एनएबीएच बोर्ड एक ऑटोनोमस बॉडी है। जो इंटरनेशनल एवं एशियाई सोसायटी ऑफ क्वालिटी इन हेल्थकेयर से भी एफिलियेटेड है। इसको प्राप्त करने के लिए हॉस्पिटल को कई स्तर पर कठिन निरीक्षण से गुजरना पड़ता है। इसके बोर्ड द्वारा नियुक्त विशेषज्ञों की टीम द्वारा गहन निरीक्षण कर चिकित्सा सुरक्षा और गुणवत्ता को जांचा-परखा जाता है। इसके बाद एक्रीडियेशन सर्टिफिकेट की अनुशंसा की जाती है। इस प्रमाण पत्र के होने से कई बीमा कंपनी द्वारा भारत सरकार की आयुष्मान योजना के हितग्राहियों को भी लाभ मिलना शुरू हो जाता है।
खास-खास:
- 23 सितंबर से जिले में शुरू हुई है आयुष्मान निरामयम योजना।
- आयुष्मान योजना के तहत प्राइवेट हॉस्पिटल का इन्फेनेलमेंट की प्रक्रिया हुई पूरी।
- अबतक तीन हजार 150 मरीजों ने कराया है आयुष्मान योजना में पंजीयन।
- जिले में अबतक आयुष्मान योजना के तहत 125 मरीजों के क्लेम हुए स्वीकृत।
इनका कहना है
जिले की अब तीन निजी अस्पतालों को एनएबएच सर्टिफिकेट मिल गया है। हॉस्पिटल के इन्फेनेलमेंट की प्रक्रिया पूरी हो हो गई है। आदेश जारी होने के बाद मरीजों को लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। अभी जिला अस्पताल में मरीजों को आयुष्मान योजना के तहत उपचार मिल रहा है।
शालिनी नामदेव, नोडल अधिकारी, आयुष्मान योजना।
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