इसलिए जरुरी है एनएबीएच सर्टिफिकेट
एनएबीएच बोर्ड एक ऑटोनोमस बॉडी है। जो इंटरनेशनल एवं एशियाई सोसायटी ऑफ क्वालिटी इन हेल्थकेयर से भी एफिलियेटेड है। इसको प्राप्त करने के लिए हॉस्पिटल को कई स्तर पर कठिन निरीक्षण से गुजरना पड़ता है। इसके बोर्ड द्वारा नियुक्त विशेषज्ञों की टीम द्वारा गहन निरीक्षण कर चिकित्सा सुरक्षा और गुणवत्ता को जांचा-परखा जाता है। इसके बाद एक्रीडियेशन सर्टिफिकेट की अनुशंसा की जाती है। इस प्रमाण पत्र के होने से कई बीमा कंपनी द्वारा भारत सरकार की आयुष्मान योजना के हितग्राहियों को भी लाभ मिलना शुरू हो जाता है।
खास-खास:
– 23 सितंबर से जिले में शुरू हुई है आयुष्मान निरामयम योजना।
– आयुष्मान योजना के तहत प्राइवेट हॉस्पिटल का इन्फेनेलमेंट की प्रक्रिया हुई पूरी।
– अबतक तीन हजार 150 मरीजों ने कराया है आयुष्मान योजना में पंजीयन।
– जिले में अबतक आयुष्मान योजना के तहत 125 मरीजों के क्लेम हुए स्वीकृत।
इनका कहना है
जिले की अब तीन निजी अस्पतालों को एनएबएच सर्टिफिकेट मिल गया है। हॉस्पिटल के इन्फेनेलमेंट की प्रक्रिया पूरी हो हो गई है। आदेश जारी होने के बाद मरीजों को लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। अभी जिला अस्पताल में मरीजों को आयुष्मान योजना के तहत उपचार मिल रहा है।
शालिनी नामदेव, नोडल अधिकारी, आयुष्मान योजना।