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बच्चों को दक्ष करने लागू होगा ‘एक देश-एक कोर्स’ का फार्मूला, इस जिले में शुरू हुई पुस्तक वितरिण की प्रक्रिया

– एक देश-एक कानून की तर्ज पर अब शिक्षा व्यवस्था भी ‘एक देश-एक कोर्स’ फार्मूला में लागू होने वाली है। शैक्षणिक सत्र 2019-20 में जिले में एनसीइआटी कोर्स शुरू हुआ।
– इसमें सिर्फ गणित और विज्ञान विषय की पुस्तकें एनसीइआरटी की लागू हुईं। अब शैक्षणिक सत्र 2020-21 में इसे पूरी तरह से एक जैसा लागू किया जा रहा है।
– जिले के सभी प्राथमिक, माध्यमिक, हाइस्कूल व हॉयरसेकंडी स्कूलों में नेशनल काउंसिल ऑफ एडुकेशनल रिसर्च ऑफ ट्रेनिंग (एनसीइआरटी) की पुस्तकों ने बच्चे अध्ययन करेंगे।

कटनीJun 25, 2020 / 11:00 am

balmeek pandey

Education News: पहलीं से आठवीं के बच्चे भी पढ़ेंगे संविधान का पाठ, स्कूलों तक पहुंची पुस्तकें

कटनी. एक देश-एक कानून की तर्ज पर अब शिक्षा व्यवस्था भी ‘एक देश-एक कोर्स’ फार्मूला में लागू होने वाली है। शैक्षणिक सत्र 2019-20 में जिले में एनसीइआटी कोर्स शुरू हुआ। इसमें सिर्फ गणित और विज्ञान विषय की पुस्तकें एनसीइआरटी की लागू हुईं। अब शैक्षणिक सत्र 2020-21 में इसे पूरी तरह से एक जैसा लागू किया जा रहा है। जिले के सभी प्राथमिक, माध्यमिक, हाइस्कूल व हॉयरसेकंडी स्कूलों में नेशनल काउंसिल ऑफ एडुकेशनल रिसर्च ऑफ ट्रेनिंग (एनसीइआरटी) की पुस्तकों ने बच्चे अध्ययन करेंगे। नेशनल एचीवमेंट सर्वे रिपोर्ट के आधार पर शासन-प्रशासन द्वारा लिए गए निर्णय के बाद यह पहल की जा रही है। कक्षा एक से 8 तक बीआरसी कार्यालय के माध्यम से व कक्षा 9 से 12 बीइओ कार्यालय के माध्यम से पुस्तकों के वितरण की तैयार हो रही है। जबलपुर बुक डिपो से जिले में काफी पुस्तकें पहुंच गई हैं। विमर्श पोर्टल में विद्यायलों ने जो जानकारी अपडेट की गई थी उसी संख्या के आधार पर पुस्तकें भेजी जा रही हैं।

पिछड़े थे बच्चे, एग्जाम में होती थी परेशानी
शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों कहना है कि अभी जो भी कॉम्पटेटिव एग्जाम होते हैं उनमें एनसीइआरटी स्लेबस के अधार पर सवाल पूछे जाते हैं, इससे स्टेट वाइज कोर्स से पढऩे वाले बच्चों का स्तर काफी कम रहता था। क्योंकि हर स्टेट में अलग-अलग बुक चलती थीं, जिसके चलते बच्चे पिछड़ जाते थे। अब जब पूरे देश के बच्चे एक कोर्स से अध्ययन करेंगे तो कॉम्पटीशिन एग्जाम में भी फायदा मिलेगा। वहीं सभी राज्यों के बच्चों को एक जैसी शिक्षा मिलेगी।

इस सर्वे के बाद लिया गया निर्णय
जानकारी के अनुसार 2018 में एनएएस (नेशनल एचीवमेंट सर्वे) सर्वे कराया गया। राष्ट्रीय शैक्षणिक सर्वे कई अलग-अलग चरणों में चला। कक्षा 6 से 10 तक के बच्चों के सेम्पल टेस्ट हुए। रेंडमाइजेशन से स्कूलों का चयन किया गया। जिले के 40 स्कूलों में अलग-अलग प्रश्नपत्र दिए गए। दक्षता आधारित प्रश्नपत्र हल कराया गया। उसके रिजल्ट आया तो उसमें प्रदेश में मिली ग्रेडिंग के बाद यह निर्णय लिया गया।

खास-खास:
– हिंदी छोड़कर सभी पांच विषयों गणित, अंग्रेजी, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत का हल कराया गया पर्चा।
– अभी तक मैथ्स और साइंस एनसीइआटी की और शेष पुस्तकें मध्यप्रदेश सरकार की चल रहीं थीं, जो अब पूरी एनसीइआरटी की चलेंगी।
इस बार होने वाले सर्वे में पांच विषयों का परचा हल कराया जाएगा।

इनका कहना है
एनएएस सर्वे के बाद अब जिले में एनसीइआरटी की पुस्तकों से पढ़ाई होगी। कक्षा एक से लेकर कक्षा 12 तक बीइओ व बीआरसी कार्यालय से पुस्तकों का वितरण होगा। पूरे देश में एक जैसे कोर्स को लेकर यह पहल सरकार ने की है। इससे बच्चे अब और दक्ष होंगे।
बीबी दुबे, जिला शिक्षा अधिकारी।

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