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सर्वे में ऐसे बरती गई मनमानी
जनवरी 2020 में राशन के लिए पात्र हितग्राहियों का सर्वे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पंचायत सचिव, रोजगार सहायक व अन्य कर्मचारियों के अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग, पटवारी और नगरीय निकाय में वार्ड दरोगा व अन्य कर्मचारियों के द्वारा किया गया। मोबाइल एप में हुए सर्वे के दौरान जमीनी हकीकत को नजरअंदाज कर जानकारी फीड कर दी गई और अब कई गरीब परिवार बीते कई महीनों से राशन के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाकर परेशान हो रहे हैं।
मनमानी का अंदाजा ऐसे भी लगाएं कि सालभर में जुड़े 14 हजार नाम
सर्वे के दौरान कर्मचारियों की मनमानी का अंदाजा ऐसे भी लगाया जा सकता है कि, बाद में अपील किए जाने के बाद 14 हजार नए नाम अब जोड़े गए हैं। ये ऐसे लोग हैं, जो पात्र थे फिर भी राशन के पात्र हितग्राहियों की सूची से हटा दिये गए थे।
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आखों से दिव्यांग, 6 माह से लगा रहे राशन दुकान के चक्कर
खबर से संबंधित वीडियो में पति के साथ बैठी लक्ष्मी बाई ने बताया कि, वो आखों से दिव्यांग हैं, फिर भी उन्हें अबतक राशन नहीं मिल रहा है। राशन कार्ड बना है, लेकिन राशन दुकान जाने पर कहा जाता है कि, राशन नहीं मिलेगी।
हमें तो जीते जी मार डाला
वहीं, एक अन्य हितग्राही बलराम ने बताया कि, राशन लेने दुकान गए थे, लेकिन वहां पता चला कि राशन नहीं देना पड़े इसके लिए सरकार ने जीते जी उन्हें मार दिया है। राशन दुकान वालों ने उनसे कहा कि, इसकी शिकायत जाकर कलेक्टर से करो। इसपर बलराम कलेट्रेट गए, तो वहां उनसे बोला गया कि, ये काम नगर निगम में होगा। लेकिन, हकीकत ये है कि, बलराम ही नहीं उस जैसे और भी कई जरूरतमंद हितग्राही अब तक राशन से वंचित हैं।
राशन कार्ड है पर राशन नहीं देते
इसके अलावा, मजदूरी कर परिवार चलाने वाली जानकी चौधरी ने बताया कि, उनके पास राशन कार्ड तो है, लेकिन उन्हें उसपर राशन नहीं मिल रहा है। उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं। महंगाई के इस दौर में उन बच्चों का पालन पोषण कर पाना बेहद मुश्किल होता जा रहा है। उन्होंने बताया कि, राशन दुकान से सलाह मिलने पर वो भी नगर निगम गईं, लेकिन वहां भी कोई काम नहीं बन सका।
कलेक्टर बोले- लोग अपील में आएं
मामला सामने आने के बाद कटनी कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा कि, अगर पात्र हितग्राहियों का नाम काटा गया है, तो लोगों को अपील के लिये आना होगा। ऐसा नहीं है कि, सभी पात्र हितग्राहियों का काटा गया है, कुछ नाम वास्तविक भी काटे गए हैं। उन्होंने बताया कि, अपील करने वाले कई हितग्राहियों के नाम जोड़े भी जा रहे हैं।