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पेट में ही मरा था बच्चा, जननी का डॉक्टरों ने किया ये हाल

locationकटनीPublished: Jan 19, 2018 11:32:10 am

Submitted by:

balmeek pandey

परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप, कलेक्टर व सीएमएचओ से शिकायत कर की कार्रवाई की मांग

Negligence in pregnant woman's district hospital

Negligence in pregnant woman’s district hospital

कटनी. जिला अस्पताल में एक बार फिर जननी के साथ लापरवाही का मामला सामने आया है। पीडि़त ने कलेक्टर विशेष गढ़पाले व सीएमएचओ डॉ. अशोक अवधिया से मामले की शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। कलेक्टर से की गई शिकायत में मोहम्मद कादिर निवासी बिलायतकला थाना बड़वारा ने बताया कि १६ जनवरी को पत्नी रेशमा को प्रसव पीड़ा हुई। उसे बड़वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। डॉक्टरों द्वारा वहां उपचार में देरी की गई और हालत बिगडऩे पर दोपहर बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया। शाम ७ बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन १०.३० बजे तक उपचार शुरू नहीं हुआ और पत्नी दर्द से तड़पती रही। परिजनों का आरोप है कि रात १०.३० बजे डॉ. हर्षिता गुप्ता पहुंची और जांच कर बताया कि बच्चा स्वस्थ है।

रूटीन डॉक्टर ने बताया मरा है बच्चा
परिजनों ने बताया कि १०.३० बजे रूटीन डॉक्टर पहुंचीं और कहा कि बच्चे की धड़कनें नहीं मिल रहीं, ऑपरेशन करना पड़ेगा। परिजनों ने ऑपरेशन की सहमति दे दी। शिफ्ट चेंज होने पर डॉक्टर चलीं गईं। १७ जनवरी की सुबह नर्स व आशा कार्यकर्ता द्वारा डिलेवरी कराई गई, लेकिन नवजात बच्ची पैदा हुई। पति ने कहा कि यदि समय पर उपचार मिल जाता तो बच्ची को बचाया जा सकता था।

इनका कहना है
जांच के बाद ही परिजनों को बता दिया गया था कि बच्चा जीवित नहीं है। रिस्क कम करने के लिए नॉर्मल डिलेवरी कराई गई। परिजनों द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं।
डॉ. हर्षता गुप्ता, महिला चिकित्सक।
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परिजनों द्वारा उपचार में लापरवाही की शिकायत की गई है। मामले की जांच कराई जाएगी। किन परिस्थितियों में बच्चे की मौत हुई यह पता लगाया जाएगा। डॉक्टर व स्टॉफ को भी संवेदनशीलता बरतने कहा जाएगा।
डॉ. अशोक अवधिया, सीएमएचओ।

जिला अस्पताल की ओपीडी में लगाई गई शिकायत व सुझाव पेटी
कटनी. जिला अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचने वाले मरीजों को उपचार के दौरान यदि किसी भी प्रकार की समस्या होती है डॉक्टर सहित अन्य कर्मचारी द्वारा उसके साथ अभद्रता या उपचार में देरी की जाती है तो उस कर्मचारी को भारी पड़ सकता है। मरीजों की सुविधा को लेकर कलेक्टर के निर्देश पर सिविल सर्जन द्वारा ओपीडी सहित वार्डों व अन्य स्थानों में शिकायत एवं सुझाव पेटी लगवाई गई है। इस पेटी को कलेक्टर के निर्देश पर अधिकारी उसे खोलेंगे और शिकायतों और सुझाव पर सुनवाई करेंगे। अस्पताल के कर्मचारी द्वारा किसी भी प्रकार की लापरवाही बरती जाती है तो उसकी जांच होगी और जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी। इसके साथ ही मरीज परिजनों अस्पताल में पहुंचने वाले लोग अस्पताल प्रबंधन में बदलाव व व्यवस्था सुधार के लिए भी सुझाव दे सकते हैं।

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