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सिस्टम में जिम्मेदारों की लापरवाही बयां करता एक स्कूल

locationकटनीPublished: Jan 13, 2022 09:55:58 am

10 साल से जर्जर भवन और दहशत के साये में पढ़ाई करने विवश बच्चे.
अभिभावकों ने कहा विधायक व कलेक्टर को दी जानकारी फिर भी नहीं सुधरी व्यवस्था.

negligence in School

कटनी जिले के बहोरीबंद विकासखंड मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर स्थित सिजहरी गांव में प्राथमिक शाला भवन की जर्जर इमारत और खपरैल गिरने के बाद समय रहते मरम्मत में जिम्मेदारों की लापरवाही बयां कर रहा है।

कटनी. बहोरीबंद विकासखंड मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दूर स्थित सिजहरी गांव में प्राथमिक शाला का जर्जर भवन शिक्षा में सरकारी व्यवस्था की बदहाली बयां कर रही है। बुधवार को कड़ाके की ठंड के बीच बच्चे खुले आसमान मेंं पढ़ाई करने विवश रहे। अभिभावकों ने बताया कि जर्जर भवन के कारण बच्चों को स्कूल भेजने के दौरान डर बना रहता है कि भवन के उपर जर्जर खपरैल गिरने से ही बच्चे चोटिल न हो जाएं।

जानकर ताज्जुब होगा हर माह स्कूलों के निरीक्षण का दावा करने अफसरों की नजर इस स्कूल पर नहीं पड़ी। बहोरीबंद जनपद शिक्षा केंद्र के बीआरसी रमाकांत खंपरिया बताते हैं कि प्राथमिक शाला सिजहरी में नवीन भवन या सुधार कार्य के लिए कोई प्रपोजल भेजा गया है, या लंबित है। ऐसी जानकारी नहीं है। बीआरसी फरवरी माह में प्रपोजल भेजने की बात कह रहे हैं।

 

जिम्मेदारों की बेपरवाही बता रही स्कूल की व्यवस्थाएं
– स्कूल में लगे हैंडपंप में पाइप ही नहीं है। पानी पीना हो तो बच्चे स्कूल से घर की दौड़ लगाते हैं। बच्चों के लिए बनी सुविधाघर की दीवार भी टूट गई है।
– ग्रामीण देवसिंह लोधी, राहुल प्यासी, जगन्नाथ पटेल, क्रश कुमार, अयूब खान व भगवान दास ने बताया कि चार साल पहले तत्कॉलीन कलेक्टर विशेष गढ़पाने के गांव आने पर 1972 में बनी स्कूल की जर्जर भवन दिखाया गया। उन्होंने उचित कार्रवाई की बात कही। इसके अलावा विधायक को कई बार समस्या से अवगत कराए जाने के बाद व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ।
– कक्षा एक से पांचवी के बीच 60 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। पंचायत द्वारा यहां एक अतिरिक्त कक्ष का निर्माण करवाया गया है, जिसमें स्कूल के जरूरी दस्तावेज और अन्य सामग्री रखी गई है। इसी के बरामदे में किसी तरह बच्चों की पढ़ाई हो पाती है।
– शिक्षक संतोष कुमार बताते हैं कि जर्जर भवन की समस्या से कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है।

negligence in School
बच्चों को स्कूल भेजने वाले पालक बताते हैं कि जर्जर भवन 48 साल पहले बनी थी। खपरैल की टूटी छत बता रही है कि यहां पढ़ाई करना बच्चों के लिए खतरे से खाली नहीं है। इसके बाद भी अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। IMAGE CREDIT: Patrika
negligence in School
अभिभावकों ने बताया कि चार साल पहले तत्कॉलीन कलेक्टर विशेष गढ़पाले यहां आए थे तो उन्हे भी जर्जर स्कूल भवन दिखाया गया। उन्होंने सुधार की बात कही थी। विधायक को कई बार स्कूल भवन मरम्मत की गुहार लगा चुके हैं। IMAGE CREDIT: patrika
negligence in School
हैंडपंप है पर पाइप नहीं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी स्कूल में व्यवस्था को लेकर जिम्मेदार कितने गंभीर है। यहां पढ़ाई के लिए आने वाले बच्चों को प्यास लगी तो घर की दौड़ लगाते हैं। IMAGE CREDIT: Patrika
negligence in School
12 जनवरी को स्कूल में पढऩे के लिए पहुंचे बच्चे बरामदे में कड़ाके की ठंड के बीच बैठने विवश रहे। इस स्कूल में कक्षा एक से पांचवी तक 60 बच्चे हैं। कुछ बच्चे एक अतिरिक्त के बरामदे में बैठे। IMAGE CREDIT: Patrika