कटनी जिले के बहोरीबंद विकासखंड मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर स्थित सिजहरी गांव में प्राथमिक शाला भवन की जर्जर इमारत और खपरैल गिरने के बाद समय रहते मरम्मत में जिम्मेदारों की लापरवाही बयां कर रहा है।
बच्चों को स्कूल भेजने वाले पालक बताते हैं कि जर्जर भवन 48 साल पहले बनी थी। खपरैल की टूटी छत बता रही है कि यहां पढ़ाई करना बच्चों के लिए खतरे से खाली नहीं है। इसके बाद भी अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।
12 जनवरी को स्कूल में पढऩे के लिए पहुंचे बच्चे बरामदे में कड़ाके की ठंड के बीच बैठने विवश रहे। इस स्कूल में कक्षा एक से पांचवी तक 60 बच्चे हैं। कुछ बच्चे एक अतिरिक्त के बरामदे में बैठे।
अभिभावकों ने बताया कि चार साल पहले तत्कॉलीन कलेक्टर विशेष गढ़पाले यहां आए थे तो उन्हे भी जर्जर स्कूल भवन दिखाया गया। उन्होंने सुधार की बात कही थी। विधायक को कई बार स्कूल भवन मरम्मत की गुहार लगा चुके हैं।
हैंडपंप है पर पाइप नहीं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी स्कूल में व्यवस्था को लेकर जिम्मेदार कितने गंभीर है। यहां पढ़ाई के लिए आने वाले बच्चों को प्यास लगी तो घर की दौड़ लगाते हैं।