कटनी

मिलर्स की नई रणनीति के बाद कहीं गोदाम में ही खराब न हो जाए लाखों मिट्रिक टन धान

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी समाप्त होने के एक माह बाद भी मिलर्स ने मिलिंग के लिए नहीं किया अनुबंध

कटनीMar 08, 2019 / 11:32 am

raghavendra chaturvedi

मिलर्स की नई रणनीति के बाद कहीं गोदाम में ही खराब न हो जाए लाखों मिट्रिक टन धान

कटनी. समर्थन मूल्य पर बंफर धान खरीदी के बाद अब मिलिंग के लिए मिलर्स आगे नहीं आ रहे हैं। ऐसे में धान दूसरे राज्यों में मिलर्स को देने के साथ ही खुले बाजार में नीलामी की जा सकती है। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 25 जनवरी को समाप्त होने के बाद राइस मिल मालिकों के अलग-अलग संगठन प्रमुखों को मिलिंग के लिए अनुबंध करने की सूचना दी गई। एक माह से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी मिलर्स ने अनुबंध नहीं किया। मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइज कार्पोरशन (नान) के अधिकारियों का कहना है मिलिंग के इंतजार में धान ज्यादा समय तक ओपन कैप पर नहीं रखा जा सकता है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के दौरान कटनी में दो लाख 15 हजार 136 मिट्रिक टन धान की खरीदी हुई है।
समर्थन मूूल्य पर धान खरीदी के बाद मध्यप्रदेश के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में सरकारी धान को मिलिंग के लिए मिलर्स को दिए जाने के बजाए खुले बाजार में नीलामी की जा चुकी है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि यही प्रक्रिया मध्यप्रदेश भी अपना सकता है।
राइस मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ईश्वर रोहरा ने बताया कि सीएमआर में मिलिंग को लेकर मिलर्स प्रति क्विंटल 35 रुपये से बढ़ाकर पचास रुपये किए जाने की मांग कर रहे थे जिसे घटाकर दस रुपये कर दिया गया। इसके साथ ही ब्रोकन 25 से बढ़ाकर 40 प्रतिशत और आधा चावल नान के बजाए एफसीआइ को जमा करने का विरोध है। कारण यह है कि एफसीआइ को चावल जमा करने में एकरुपता चाहिए और यहां धान खरीदी के दौरान कई किस्म की धान खरीदी से चावल में एकरुपता नहीं आती और ब्रोकन भी ज्यादा होता है।
नान के डीएम सलमान हैदर ने बताया कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बाद मिलिंग के लिए अनुबंध करने 25 जनवरी के बाद ही मिलर्स संगठन के प्रमुखों को पत्र दिया जा चुका है। अब तक एक भी मिलर्स ने अनुबंध नहीं किया है। ओपन कैप पर धान ज्यादा समय तक नहीं रखा जा सकता है। उचित प्रबंधन की जाएगी।

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