कटनी

एनजीटी के नियम ताक पर, भरी बरसात नदी से हो रहा रेत खनन

दिन में मजदूर निकालते हैं रेत, रात में अवैध परिवहन.

कटनीSep 26, 2019 / 12:50 pm

raghavendra chaturvedi

ढीमरखेड़ा के दतला नदी में भरी बरसात नदी से निकाली जा रही रेत.

कटनी. ढीमरखेड़ा क्षेत्र में नदियों से रेत खनन के मामले में अवैध खनन का सिलसिला थम नहीं रहा है। ताजा मामला ढीमरखेड़ा के दतला नदी में सामने आया है। बम्होरी गांव के समीप भरी बरसात नदी से रेत का अवैध खनन हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि दिन में मजदूर नदी से रेत निकालते हैं और रात में उसका अवैध परिवहन हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि नदियों से रेत निकालने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों के पालन में 15 अक्टूबर तक खनन प्रतिबंधित रहता है। नदियों में अन्य जीवों को नुकसान की दृष्टि से लगाए इस प्रतिबंध का असर जिले की नदियों में नहीं दिख रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि खमतरा क्षेत्र की महानदी की तट पर और ढीमरखेड़ा में मौरी नदी से बारिश के मौसम में भी रेत का अवैध खनन हो रहा है।

कलेक्टर एसबी सिंह का कहना है कि रेत पर कार्रवाई के लिए संयुक्त विभागीय टीम गठित की गई है। ऐसे मामलों में सभी विभागों को कार्रवाई करनी चाहिए। हो भी रही है। बारिश में नदियों से रेत खनन पर कार्रवाई की जाएगी।

बड़वारा में खुलेआम अवैध खनन
रेत का अवैध खनन करने वाले लोग बड़वारा में दिन के बजाए अब रात में सक्रिय हो गए हैं। यहां रात में एक बजे के बाद रेत लोड गाडिय़ों का चलना आम बात हो गई है। ग्रामीणों के अनुसार क्षेत्र में रेत के अवैध खनन को लेकर रोकने के लिए खनिज, पुलिस व राजस्व का अमला कार्रवाई तो करती है, लेकिन असर नहीं दिख रहा है।

पिट पास जारी नहीं फिर भी परिवहन
रेत परिवहन को लेकर जिले में किसी भी ठेकेदार के नाम पिटपास जारी नहीं हो रहा है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग की एनओसी के बाद पिटपास जारी होने की प्रक्रिया होगी। इधर बिना पिटपास रेत परिवहन के बाद कार्रवाई करने वाले अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।

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