रेलवे ने किया गंभीर समस्या का समाधान, अब आउटर में नहीं पिटेंगी सैकड़ों ट्रेनें
समय से साढ़े पांच घंटे पहले पूरा हुआ एनआइ वर्क, दिनभर सुरक्षात्मक तरीके से हुआ ट्रेनों का परिचालन, एनकेजे सी-केबिन के समीप कराया गया है एनआइ वर्क, अब आउटर में नहीं पिटेंगी मालगाड़ी व यात्री ट्रेनें, यात्रियों को मिलेगी बड़ी सहूलियत

कटनी. एनकेजे सी-केबिन यार्ड की गंभीर समस्या से रेलवे प्रबंधन ने निजात दिला दी है। यहां पर यार्ड रिमॉडलिंग (एनआइ) वर्क कराया जा रहा था। बुधवार की सुबह 8 बजे काम करके टीम को ओके रिपोर्ट देनी थी। टीम द्वारा पूरी मुस्तैदी से काम किया गया और मंगलवार-बुधवार रात 2.30 ही ओके रिपोर्ट जारी कर दी गई। इसके बाद सुरक्षात्मक तरीके से ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया जो बुधवार को दिनभर जारी रहा। क्षेत्रीय प्रबंधक प्रिंस विक्रम ने बताया कि यदि सिंगरौली की ओर गाडिय़ा चलाते थे तो बिलासपुर की गाडिय़ों को रोक दिया जाता था। अब दोनों ट्रैक की गाडिय़ों को एक साथ लिया जा रहा है। मालगाड़ी का भी मूवमेंट चालू है। एनआइ वर्क होने से न सिर्फ मालगाड़ी बल्कि यात्री ट्रेनें भी बगैर आउटर पर पिटे आ-जा सकेंगी। इससे काफी समय बचेगा। हालांकि कोविड के चलते यात्री ट्रेनें अभी ज्यादा नहीं चल रहीं। एनआइ वर्क में इंजीनियरिंग, सिंग्नल, ऑपरेटिंग सहित अन्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने निर्धारित समय में पहले सुरक्षात्मक कार्य किया है। उक्त कार्य डब्ल्यूसीआर के जीएम एसके सिंह, डीआरएम संजय विश्वास, एडीआरएम अमितोज बल्लभ के निर्देष में कराया गया।
इनकी रही भूमिका
इसमें सीनियर डीओएम नीरीश राजपूत, सीनियर डीएसटी विराट गुप्ता, डीएसटी राजश्री द्विवेदी, एडीएसटी केके शर्मा, एरिया मैनेजर प्रिंस विक्रम, एसएसइ वीवी मौर्या, मुकेश कनौजिया, वीके तिवारी, मुकासिफ, राकेश झा, प्रभात कुमार, पुष्पेंद्र शर्मा, नजरूल, बीपी सिंह, अवनीश दुबे, राजबाबू गुप्ता आदि की टीम की भूमिका रही।
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