गोयल इंडस्ट्री का धनिया निकला खराब, छापे के एक माह बाद भी एफआइआर नहीं
खाद्य सुरक्षा प्रशासन विभाग की कार्रवाई पर उठे सवाल.

कटनी. कटायेघाट इंडस्ट्रियल एरिया में संचालित गोयल इंडस्ट्री संचालक महिमा अग्रवाल की फैक्ट्री में पांच दिसंबर की छापामार कार्रवाई के बाद जब्त नमूने की जांच रिपोर्ट में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। खड़ा धना, टेस्टी नमक व जीरा डंठल का नमूना लेकर राज्य परीक्षण प्रयोग शाला भेजा गया था। जांच रिपोर्ट में धना पूरी तरह से असुरक्षित पाया गया। जो मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक है।
कीटयुक्त धना से मसाला तैयार करने व इसे बेचने पर इसके उपयोग से मानव के शरीर में घातक परिणाम सामने आएंगे। जानकर ताज्जुब होगा कि मामलों में छापे की कार्रवाई के बाद मामला संदिग्ध मिलने पर एफआइआर का प्रावधान है। शहर में दूसरे स्थान पर की गई ऐसी कार्रवाई में एफआइआर दर्ज भी हुई थी, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद खाद्य सुरक्षा प्रशासन विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।
इंडस्ट्री में छापे के दौरान यह बात सामने आई थी कि फैक्ट्री में डंठल का उपयोग टेस्टी नमक में किया जाता है। इसके अलावा मिर्ची की रिपोर्ट भी मिथ्याछाप पाई गई है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी डीके दुबे ने बताया कि जांच रिपोर्ट में धना असुरक्षित पाया गया है। जीरा डंठल और मिर्च भी मिथ्याछाप पाई गई है। रिपोर्ट के अनुसार आगे की कार्रवाई होगी। साईं ट्रेडर्स के मामले में संचालक को सेंटर लैब से भी जांच करवाने कहा गया है। एसिड वैल्यू अधिक होने पर एडीएम कोर्ट में मामला जाएगा। इसके अलावा माधवनगर में दीपक गोयल साईं ट्रेडर्स के यहां तेल की जांच रिपोर्ट में एसिड वैल्यू अधिक मात्रा में पाया गया है जो कि मानव स्वास्थ्य के लिए घातक है।
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