संत कंवरराम वार्ड का आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक-152
शहर के संत कंवर राम वार्ड में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक-152 का आज तक भवन नहीं बना है। केन्द्र किराए के भवन में चल रहा है। भवन नहीं बन पाने का कारण कार्यकर्ता द्वारा वार्ड में सरकारी जमीन न मिल पाना बताया गया। केंद्र में 32 बच्चे दर्ज है लेकिन मौके पर सिर्फ 11 ही मिले। जिस भवन के एक छोटे से कमरे में केंद्र संचालित हो रहा है। उसकी अभी तक छपाई भी नहीं हुई है।
ग्राम पंचायत जुहला का आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक-85
शहर से लगी हुई ग्राम पंचायत जुहला का आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक-85। यहां पर आंगनबाड़ी का भवन तो खुद का बना है लेकिन बिजली, पानी का इंतजाम नहीं है। केंद्र में शौचालय तो बना हुआ है, लेकिन पानी का इंतजाम नहीं होने से ताला लटका रहता है। 100 मीटर से अधिक दूरी से पानी लाना पड़ रहा है। इतना ही नहीं केंद्र में बच्चों की संख्या 36 दर्ज है और आते सिर्फ 15 ही है।
ग्राम पंचायत बम्हनी ढीमरखेड़ा का केन्द्र 143 मड़ेरा सरकारी भवन में लग रहा है। जिसमें शौचालय का अभाव है तो पानी का भी इंतजाम नहीं है। कार्यकर्ता व सहायिका दूसरी जगह से पानी लेकर आती हैं। भवन ग्राम पंचायत का स्वराज भवन है। दस साल से संचालित केन्द्र के खुद के भवन को लेकर अभी कोई प्रस्ताव नहीं है।
यह भी जाने-
-1712-जिलेभर में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं।
-311-शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों के पास भवन नहीं है। किराए के भवन में चल रहे हंै।
-200 से 750 रुपये ग्रामीण क्षेत्र की आंगनबाड़ी केंद्रों को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किराया दिया जाता है।
-750-3000 रुपये तक हर माह शहरी क्षेत्र में किराए पर चलने वाली आंगनबाड़ी केंद्रों का विभाग भुगतान कर रहा है।
-266-आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल सुलभ शौचालय बनवाया गया है।
-800-आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी का इंतजाम नहीं है। हैंडपंप और कुआं से पानी लाना पड़ता है।
-114802 छात्र जिलेभर की 1712 आंगनबाड़ी केंद्रों में दर्ज हैं।
-4242-जिले में अतिकुपोषित बच्चे हैं।
-20312-छात्र जिले में कुपोषित हैं।
-आंगनबाड़ी केंद्रों का खुद का भवन हो, इसके लिए संचालनालय को रिपोर्ट भेजी गई है। स्वीकृति मिलने के बाद ही काम शुरू हो पाएगा। पानी और बिजली का भी काम कराया जा रहा है। कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों में बिजली की व्यवस्था हो गई है। कुछ में काम चालू है। जिन केंद्रों में पानी नहीं है वहां पर दूसरी व्यवस्था की गई है।
नयन सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग।