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शहर की दो प्राइमरी स्कूलों में छात्र व शिक्षकों की संख्या जानकार हो जाएंगे हैरान

locationकटनीPublished: Jan 24, 2019 11:42:59 am

Submitted by:

dharmendra pandey

दोनों सरकारी स्कूलों में तैनात तीन शिक्षकों के वेतन व बच्चों की पढ़ाई पर सरकार हर साल खर्च कर रहीं 10 लाख से अधिक रुपये
 

No students in two schools of the city

No students in two schools of the city

कटनी. शहर के सावरकर व वेंकट वार्ड में संचालित शासकीय प्राथमिक शाला सावरकर व आंबेडकर। दोनों ही स्कूलों के भवन, बच्चों की पढ़ाई व शिक्षकों के वेतन में सरकार द्वारा हर साल 10 लाख रुपये से अधिक खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि जिन बच्चों के पीछे सरकार हर साल लाखों रुपये फूंक रही है, उसमें पढ़ाने वाले तो है, लेकिन पढऩे वालों की संख्या न के बराबर है। उल्लेखनीय है कि सरकारी स्कूलों में अधिक से अधिक छात्र दाखिला ले, इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा स्कूल भवन से लेकर बच्चों को किताब, गणवेश, मध्यान्ह भोजन व छात्रवृत्ति तक दें रही है। इसके बाद भी छात्र सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करना नही चाहते। इसका सबसे प्रमुख कारण है स्कूल शिक्षा विभाग की बिगड़ी व्यवस्था। जिले के सरकारी स्कूलों की बात करें तो स्थिति यह है कि किसी स्कूल में पर्याप्त शिक्षक नही है तो कहीं पर छात्र। फिर भी जिम्मेंदारों ने इन स्कूलों को किसी दूसरी स्कूलों में मर्ज करने में दिलचस्पी नही दिखाई। इसके अलावा परिणाम की बात करें तो स्कूलों में दर्ज बच्चों से लिखना-पढऩा तक नहीं आता है।

शासकीय प्राथमिक शाला सावरकर वार्ड
शासकीय प्राथमिक शाला सावकर वार्ड में शिक्षण सत्र 2018 में 7 छात्रों ने दाखिला लिया था। इसमें से 1 एक छात्र के परिजन नाम कटवाकर उसे बाहर लेकर गए चले। अब बचे छह छात्र, लेकिन स्कूल में दर्ज ये छात्र भी पढ़ाई करने नही आते। बच्चों को पढ़ाने के लिए एक शिक्षिका तैनात है, लेकिन चुनावी कार्य में ड्यूटी लगी होने के कारण अधिकांश समय बाहर ही रहती है। ऐसे में स्कूल में भी ताला लगा रहता है।

कक्षा दर्ज छात्र शिक्षकों की संख्या
पहली 00 01
दूसरी 00 00
तीसरी 00 00
चौंथी 02 00
पांचवी 04 00
शासकीय प्राथमिक शाला आंबेडकर वार्ड
शहर के वेंकट वार्ड में संचालित शासकीय प्राथमिक शाला आंबेडकर। इस स्कूल का भी हाल प्राथमिक शाला सावरकर की ही तरह है। शिक्षण सत्र 2018 में 4 छात्रों ने ही दाखिला लिया है। स्कूल में दर्ज बच्चों को पढ़ाने के लिए दो शिक्षक नियुक्त किए गए है। बच्चे भी रोज स्कूल नही आते।

कक्षा दर्ज छात्र शिक्षकों की संख्या
पहली 00 02
दूसरी 02 00
तीसरी 02 00
चौंथी 00 00
पांचवी 00 00

खास-खास
-20 से 35 हजार रुपये तक सरकार हर माह प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों के वेतन पर खर्च कर रही है।
-प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले छात्रों को सरकार स्कूलों में निशुल्क किताबें, गणवेश, मध्यान्ह भोजन व छात्रवृत्ति पर खर्च कर रही है।
-शासकीय प्राथमिक शाला सावरकर में पहली से पांचवी तक 6 छात्र है।
-शासकीय प्राथमिक शाला आंबेडकर में पहली से पांचवी तक सिर्फ 4 छात्र ही दर्ज है।
-जिलेभर में लगभग 1324 प्राइमरी स्कूल हैं। लगभग 100 स्कूलें ऐसी हैं, जिसमें कही पर छात्र है तो शिक्षक नही। तो कहीं पर शिक्षक है, लेकिन छात्र नहीं।

मर्ज कराया जाएगा
स्कूलों में मर्ज करने में आरटीइ नियम का पेंच फंस रहा है। जिसके चलते स्कूलों में मर्ज करने में समस्या आ रही है। जिन स्कूलों में शिक्षक व छात्रों की संख्या कम है, उनका सर्वे कराया जाएगा। शिक्षण व्यवस्था में सुधार लाने के लिए मर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी।
एनपी दुबे, डीपीसी
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