शासकीय प्राथमिक शाला सावरकर वार्ड
शासकीय प्राथमिक शाला सावकर वार्ड में शिक्षण सत्र 2018 में 7 छात्रों ने दाखिला लिया था। इसमें से 1 एक छात्र के परिजन नाम कटवाकर उसे बाहर लेकर गए चले। अब बचे छह छात्र, लेकिन स्कूल में दर्ज ये छात्र भी पढ़ाई करने नही आते। बच्चों को पढ़ाने के लिए एक शिक्षिका तैनात है, लेकिन चुनावी कार्य में ड्यूटी लगी होने के कारण अधिकांश समय बाहर ही रहती है। ऐसे में स्कूल में भी ताला लगा रहता है।
कक्षा दर्ज छात्र शिक्षकों की संख्या
पहली 00 01
दूसरी 00 00
तीसरी 00 00
चौंथी 02 00
पांचवी 04 00
शासकीय प्राथमिक शाला आंबेडकर वार्ड
शहर के वेंकट वार्ड में संचालित शासकीय प्राथमिक शाला आंबेडकर। इस स्कूल का भी हाल प्राथमिक शाला सावरकर की ही तरह है। शिक्षण सत्र 2018 में 4 छात्रों ने ही दाखिला लिया है। स्कूल में दर्ज बच्चों को पढ़ाने के लिए दो शिक्षक नियुक्त किए गए है। बच्चे भी रोज स्कूल नही आते।
पहली 00 02
दूसरी 02 00
तीसरी 02 00
चौंथी 00 00
पांचवी 00 00
खास-खास
-20 से 35 हजार रुपये तक सरकार हर माह प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों के वेतन पर खर्च कर रही है।
-प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले छात्रों को सरकार स्कूलों में निशुल्क किताबें, गणवेश, मध्यान्ह भोजन व छात्रवृत्ति पर खर्च कर रही है।
-शासकीय प्राथमिक शाला सावरकर में पहली से पांचवी तक 6 छात्र है।
-शासकीय प्राथमिक शाला आंबेडकर में पहली से पांचवी तक सिर्फ 4 छात्र ही दर्ज है।
-जिलेभर में लगभग 1324 प्राइमरी स्कूल हैं। लगभग 100 स्कूलें ऐसी हैं, जिसमें कही पर छात्र है तो शिक्षक नही। तो कहीं पर शिक्षक है, लेकिन छात्र नहीं।
मर्ज कराया जाएगा
स्कूलों में मर्ज करने में आरटीइ नियम का पेंच फंस रहा है। जिसके चलते स्कूलों में मर्ज करने में समस्या आ रही है। जिन स्कूलों में शिक्षक व छात्रों की संख्या कम है, उनका सर्वे कराया जाएगा। शिक्षण व्यवस्था में सुधार लाने के लिए मर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी।
एनपी दुबे, डीपीसी
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