शासकीय कर्मचारी सुरेश शर्मा बताते हैं कि आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ रहा है। सब्जी, अनाज एवं अन्य घरेलू उपयोग की वस्तुओं को लेकर मध्यम वर्ग के लोग परेशान हैं। पेट्रोलियम उत्पाद पर नियंत्रण जरूरी है।
वहीं ऑटो चालक दिवाकर शुक्ला का कहना है कि घर चलाने में इतनी मुश्किलों का सामना पहले कभी नहीं करना पड़ा। ऑटो चलाकर जो थोड़ी बहुत कमाई होती है वह डीजल में चला जाता है। पहले दिनभर में दो का डीजल लगता था अब साढ़े चार सौ तक का लग रहा है।
सब्जी कारोबारी रीतेश कुशवाहा के अनुसार पेट्रोल व डीजल का दाम बढ़ा है तो जाहिर भाड़ा बढ़ जाएगा। पहले सब्जी की जो छोटी गाड़ी डेढ़ हजार रूपये भाड़े पर आती थी, वह अब दो हजार रूपये तक मांग रहे हैं। इसका असर सब्जी की कीमतों पर पड़ रहा है।
गृहणी मंजुला बताती हैं कि मंहगाई बढऩे से घर का बजट ही बिगड़ गया है। जीवन जीना है तो जरूरतें रहेंगी। प्रतिदिन बढ़ रहे पेट्रोल और डीजल का असर दैनिक जीवन में जरूरी वस्तुओं पर पड़ रहा है। सरकार को विचार करना चाहिए गरीब परिवार आखिर कैसे गुजारा करेंगे।
– पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष के दौरे में भी पेट्रोलियम उत्पाद का मुद्दा कार्यकर्ताओं ने उठाया था। उन्होंने बताया था कि सरकार इस दिशा में जल्द ही कदम उठाने जा रही है। संभावना है लोगों के हित अच्छा निर्णय जल्द लिया जाएगा।
रामरतन पायल जिलाध्यक्ष भाजपा
– सरकार ने तो जैसे लोगों को मंहगाई के मुंह में ढकेलने की जिद पकड़ ली है। बहुमत और जनादेश का नजायज लाभ उठाया जा रहा है। मंहगाई से लोग परेशान हैं, इस बात की चिंता ही सरकार को नहीं है। इस मुद्दे पर पूरी जनता सरकार के विरोध में है, इसका स्वरूप कांग्रेस के बंद में सामने आ चुका है।
गुमान सिंह जिलाध्यक्ष कांग्रेस ग्रामीण.