फाइल दौड़ाते रहे अफसर
केडीए द्वारा झिंझरी में 85 हेक्टेयर में 35 से ज्यादा आवास व व्यवसायिक योजना का आलम यह रहा है कि दस वर्षों तक अफसर जिले के अलग-अलग दफ्तरों से लेकर राजधानी भोपाल तक फाइल ही दौड़ाते रहे। अंत में नगर निगम विकास अनुज्ञा की राशि में 9 करोड़ का पेंच फंस गया। नागरिकों का आरोप है कि विकास अनुज्ञा में नौ करोड़ रूपये जमा करने के लिए राज्य सरकार से अनुदान में राशि लेने सहित अन्य रास्ता निकालने की कोशिश अधिकारियों ने नहीं की।
कलेक्टर बोले मीटिंग में हूं
झिंझरी में प्रस्तावित आवासीय योजना का मूर्तरूप नहीं लेने के सवाल पर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा जवाब देने से बचते रहे। केडीए के प्रस्तावित प्रोजेक्ट की समीक्षा व आगामी तैयारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि मीटिंग में हूं, बाद में बात करेंगे।