script30 साल पहले जमा कराये दो करोड़ रुपये व रजिस्टी, अब तक नहीं दी 95 लोगों को जमीन | Not given land even after depositing Rs | Patrika News

30 साल पहले जमा कराये दो करोड़ रुपये व रजिस्टी, अब तक नहीं दी 95 लोगों को जमीन

locationकटनीPublished: Jul 18, 2021 10:28:44 pm

Submitted by:

balmeek pandey

नगर निगम की आवासीय योजना क्रमांक 2 में बरती गई गंभीर लापरवाही, हितग्राही काट रहे चक्कर, सीएम हेल्पलाईन में की शिकायत तो अफसर बंद करने बना रहे दबाव, जिम्मेदार अधिकारी भी नहीं दे रहे ध्यान

30 साल पहले जमा कराये दो करोड़ रुपये व रजिस्टी, अब तक नहीं दी 95 लोगों को जमीन

30 साल पहले जमा कराये दो करोड़ रुपये व रजिस्टी, अब तक नहीं दी 95 लोगों को जमीन

कटनी. नगर निगम के अफसरों द्वारा कई साल पहले एक गंभीर लापरवाही बरती गई है, जिसका खामियाजा दर्जनों लोग भुगत रहे हैं। रुपये देने के बाद भी उन्हें न तो भूखंड मिल रहे और ना ही रुपये वापस। 30 सालों से अफसरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं हैं। नगर निगम की जिसने लोगों को आवासीय भूखण्ड देकर घर बनाने का सपना दिखाया और जमीन देने पैसे भी जमा कराए पर आज तक भूखण्ड नहीं दिए। भूखण्ड पर टैक्स भी नगर निगम में जमा कर रहे हैं और अफसरों के सामने गिड़गिड़ाकर थक चुके हैं, लेकिन जिम्मेदारों को तरस तक नहीं आ रहा है।
नगर निगम की आवासीय योजना क्रमांक 2 ने आज तक अपना मूर्त रूप नहीं लिया कारण अफसरों की हीला हवाली मुख्य वजह कही जा सकती है। योजना से जुड़े लोगों का कहना है कि जानबूझकर नगर निगम आवासी योजना का लाभ नहीं देना चाह रहा जबकि योजना के नाम पर 95 लोगों से एक करोड़ 2 लाख जमा कराए गए थे और भूखंड देने से पूर्व सड़क पानी बिजली की व्यवस्था को लेकर उक्त भूमि में नगर निगम द्वारा लाखों रुपए खर्च भी किए गए थे लेकिन अब उस भूमि में कचरा ठेका कंपनी का कार्यालय बना दिया गया।

सीएम हेल्पलाईन भी नहीं आई काम
आरती कटारिया, शोभा देवी, दया तनवानी, राजेन्द्र राव आदि ने बताय ाकि योजना का लाभ पाने हर अधिकारी की टेबल पर पहुंचे। सीएम हेल्पलाइन नंबर से बहुत उम्मीद थी सीएम हेल्पलाइन में शिकायत भी दर्ज कराई गई, लेकिन समस्या का निराकरण किए बगैर नगर निगम के अफसर शिकायत वापस लेने शिकायतकर्ता के ऊपर दबाव डाल रहे हैं योजना से जुड़े लोग शिकायत वापस नहीं लेने पर अड़े हुए हैं और नगर निगम हेल्पलाइन शिकायत को बंद करने की फिराक में है जबकि दर्जनभर लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है।

1984 में मिली थी मंजूरी
शहर के नागरिकों को स्वयं की जमीन पर मकान का सपना दिखाकर नगर निगम द्वारा 1984 में आवासी योजना क्रमांक 2 के नाम पर दो गाड़ी नाला के समीप भूखंड आवंटित करने की सूचना जारी की और उसका नाम पंडित मुंदिर शर्मा नगर रखा सूचना जारी होते ही भूखंड लेने वाले नागरिकों ने पंजीयन कराया और पंचानवे लोगों ने 1991 में नगर निगम मैं एक करोड़ 2 लाख रुपये बतौर रजिस्ट्री जमा कराए रजिस्ट्री तो हो गई लेकिन कब्जा पाने आज भी लोग भटक रहे हैं इस मामले में ना तो जिम्मेदार अफसर ध्यान दे रहे और ना ही जनप्रतिनिधि जिससे पीडि़त हितग्राही खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं बताया जाता है कि नगर निगम के आवासी योजना को राज्य सरकार से प्रशासकीय स्वीकृति 17 फरवरी 1984 को मिली इसमें धारा 51 के तहत भू अर्जन की स्वीकृति भी मिली थी।

9.999 हेक्टेयर क्षेत्र हुआ था चिन्हित
नगर निगम से मिली जानकारी के मुताबिक योजना क्रमांक 2 के नाम से 9.999 हेक्टेयर क्षेत्र आवास योजना के लिए चयनित किया गया था और 194 भूखंड चेन्नई क्षेत्र में काटने के बाद 140 भूखंड के आवंटन की प्रक्रिया भी की गई थी 54 भूखंड रिक्त है नगर निगम के स्वीकृत नक्शे के आधार पर इसके अलावा 0.377 हेक्टेयर शासकीय भूमि जोकि राष्ट्रीय राजमार्ग से चेन्नई एरिया को जोडऩे सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई थी इतना सब कुछ होने के बावजूद योजना का लाभ 30 साल बाद भी नगर निगम लोगों को नहीं दिला पाया ।

योजना में लाखों खर्च हुए
आवासीय क्षेत्र को विकसित कर सड़क बिजली पानी के नाम पर नगर निगम में यहां 17 लाख रुपए खर्च किए थे जिसमें एक विशाल पानी की टंकी मनाई गई थी जो आज भी वहां पर मौजूद है कानूनन उस भूखंड को लेने वाले लोगों को अब न्याय मिलना चाहिए लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा इसके पीछे की वजह कुछ और ही बताई जा रही है योजना से जुड़े लोगों की माने तो 30 वर्ष पूर्व जब यह योजना बनी थी उस समय उस जमीन की कीमत सामान्य थी, लेकिन अब उस वह क्षेत्र बेशकीमती हो गया है क्योंकि व्यवसाय की दृष्टि से वह भूमि कीमती बन चुकी है इसलिए भी नगर निगम भूखंड देने में आनाकानी कर रहा है।

इनका कहना है
आवासीय योजना क्रमांक 2 की समीक्षा की जाएगी और व्यवधानों को दूर किया जाएगा ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके। आखिरकार लोगों को जमीन क्यों नहीं मिली यह तत्काल पता लगाया जाएगा। दोषियों पर कार्रवाई भी सुनिश्चित करेंगे।
सत्येंद्र सिंह धाकरे, आयुक्त नगर निगम।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो