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जांच नहीं तो कोरोना नहीं की कार्यशैली पर उठे सवाल

locationकटनीPublished: Apr 04, 2020 11:44:57 am

इंदौर से प्रतिदिन अधिक संख्या में आ रहे श्रमिक, किसी का भी सैंपल लिया न ही जांच के लिए भेजा गया जबलपुर.

Workers of Sighanpuri village of Dhimarkheda development block arrived from Indore on Friday and were kept in quarantine at Rampur hostel.

ढीमरखेड़ा विकासखंड के सिघनपुरी गांव के श्रमिक शुक्रवार को इंदौर से पहुंचे इन्हे रामपुर छात्रावास में क्वारंटाइन में रखा गया.

कटनी. प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमितों की संख्या के बीच कटनी में जांच नहीं तो कोरोना नहीं की कार्यशैली अब सवालों में है। नागरिकों का आरोप है कि यहां प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में इंदौर से श्रमिक आ रहे हैं। उन्हे हॉस्टल और दूसरे स्थानों में तो ठहराया जा रहा है, लेकिन कोरोना जांच के लिए सैंपल जबलपुर नहीं भेजा जा रहा है।
कटनी में मार्च माह में विदेश से 87 नागरिक आए हैं, इनमें से भी किसी का सैंपल जांच के लिए नहीं भेजा गया। हालांकि डॉक्टरों का दावा है कि पूंछताछ और स्क्रीनिंग के दौरान किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं मिलने के कारण जांच के लिए सैंपल नहीं भेजा जा रहा है।
जिले के कई गांव में इंदौर से लगातार श्रमिक आ रहे हैं। शुक्रवार को ढीमरखेड़ा विकासखंड के सिघनपुरी गांव में इंदौर से मालवाहक वाहन में ग्रामीण पहुंचे। इन्हे रामपुर गांव में छात्रावास में ठहराया गया है। इससे एक दिन पहले झिन्ना पिपरिया गांव में इंदौर से श्रमिक आए थे, इन्हे गांव के ही हॉस्टल में ठहराया गया।
देशभर में लॉकडाउन का एलान होने के बाद से अब तक जिले में प्रदेश से बाहर से 10 हजार 729 लोग आए हैं। इनमें से ज्यादातर ऐसे लोग हैं जो काम की तलाश में मुंबई, पुणे, इंदौर, भीलवाड़ा, जयपुर, बंगलोर व दूसरे शहरों में गए थे।
कलेक्टर एसबी सिंह बताते हैं कि कोरोना को लेकर चिकित्सकीय तैयारी का लगातार जायजा ले रहे हैं। अस्पताल स्वयं जाकर देख रहे हैं। कोरोना की जांच करने वाले चिकित्सकों को प्रारंभिक परीक्षण में लगता है कि सैंपल लेकर जांच करवाना जरुरी नहीं है। इसलिए सैंपल नहीं भेजा जा रहा है। जांच नहीं तो कोरोना नहीं जैसी बात नहीं है।
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