इस छोटे से सवाल के लिए खर्च कर दिए करोड़ों, सामने आई चौकाने वाली हकीकत
जिले के २७ हजार छात्र हो गए फेल, दोबारा परीक्षा कराने की तैयारी में जुटे अधिकारी, १ लाख १४ हजार छात्र देंं चुके हैं परीक्षा

कटनी. निरक्षरों को साक्षर बनाने में सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर दिए हैं, फिर भी जिले में २७ हजार छात्र जोड़ घटाना नहीं सीख पाए है। अंक गणित में फेल हो गए है। इससे निरक्षरों की पढ़ाई को लेकर जिले के अधिकारियों पर सवालियां निशान भी खड़ा हो रहा है।
इधर, फेल हुए इन निरक्षर छात्रों की फिर से अब परीक्षा होगी। जिले के राज्य शिक्षा केंद्र के अफसर परीक्षा कराने की तैयारी में जुट गए हैं।
केंद्र व राज्य सरकार द्वारा निरक्षरों को साक्षर बनाया जा रहा है। इसके लिए साक्षर भारत योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत निरक्षरों का सर्वें कर जिले के राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों द्वारा उनकों साक्षर बनाया जा रहा है। जिले में साक्षर भारत योजना के तहत अब तक १ लाख १४ हजार विद्यार्थी परीक्षा दें चुके है। इसमें से २७ हजार निरक्षर छात्र फेल हो गए है। जिस पेपर में निरक्षर छात्र सबसे अधिक फेल हुए है, वह अंक गणित है। राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों की मानें तो निरक्षरों को तीन पेपर देने होते है, इसमें अंक गणित, हिंदी व लिखना-पढऩा शामिल है। सभी प्रश्न पत्र २०-२० नंबर के होते है। इसमें से यदि कोई छात्र किसी विषय में १९ अंक पाता है, तो फेल समझा जाता है।
कक्षा लगाने के नाम पर होती है खानापूर्ति:
सरकार का स्पष्ट आदेश है कि निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए शाम को कक्षा लगाकर पढ़ाई कराई जाए, लेकिन सरकार का यह आदेश जिले में सिर्फ दिखावा बनकर ही रह गया है। रात में कक्षाएं ही नहीं लग पा रही है। ऐसे में निरक्षरों अच्छी तरह से पढ़ाई नहीं कर पा रहे है।
इनका कहना है:
साक्षर भारत योजना के तहत फेल हुए छात्रों की दोबारा परीक्षा होगी। इसकी तैयारी भी शुरू हो चुकी है। सबसे अधिक छात्र अंक गणित में फेल हुए है।
एनपी दुबे, डीपीसी।
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