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निगम खजाने में आठ लाख रुपये
पिछले कई साल से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य होने के बाद भी शहर में गिने-चुने लोग ही उसका पालन कर रहे हैं। जिसके चलते अनुज्ञा के समय जमा कराई जाने वाली राशि लेने भी कोई नहीं पहुंचता। वर्तमान में नगर निगम के कोष में हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए लगभग आठ लाख रुपये जमा हैं और ठेकेदार को उसी राशि से अनुज्ञाधारियों के भवनों में सिस्टम लगवाने के बाद राशि का भुगतान किया जाएगा।
ये है नियम
प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में बिल्डिंग परमीशन के लिए 140 वर्गमीटर से बड़े आकार के प्लाट में घर बनाने पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य है। नगर निगम सिक्योरिटी डिपॉजिट के बाद बिल्डिंग परमीशन जारी करते हैं, जो सिस्टम लगाने पर संबंधित को वापस कर दी जाती है।
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खास बातें-
– टेंडर होने के बाद ठेकेदार से किया जा रहा एग्रीमेंट
– 15 दिन बाद काम शुरू होने की उम्मीद
– निजी के साथ सरकारी भवनों में लगाए जाएंगे सिस्टम
– नगर निगमों में वर्ष 2009 से डिपॉजिट जमा होने के बाद ही जारी होती है बिल्डिंग परमीशन
इनका कहना है…
जिन लोगों ने भवन की परमीशन लेते समय राशि जमा करने के बाद से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया है। ऐसे लोगों की डिपॉजिट निगम कोष में जमा है। अब अनिवार्य रूप से सिस्टम लगाने टेंडर जारी किए गए हैं। जिसमें ठेकेदार से अनुबंध होना है और उसके बाद काम शुरू कराया जाएगा। ठेकेदार को जमा राशि से ही भुगतान होगा व अब राशि संबंधित को वापस नहीं की जाएगी।
राकेश शर्मा, प्रभारी कार्यपालन यंत्री, नगर निगम