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राशि जमा कर नहीं बनाया वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, अब नगर निगम करेगा ये काम…

locationकटनीPublished: Sep 12, 2019 11:48:47 am

Submitted by:

mukesh tiwari

अब खजाने में जमा राशि नहीं होगी वापस, ठेकेदार बनाएंगे रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, भूजल स्तर को बढ़ाने नगर निगम करेगा काम

Now contractors will make water harvesting system

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

मुकेश तिवारी- कटनी. गिरते भूजल स्तर से निपटने और जमीन को पानीदार बनाने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अब सख्ती से लगाए जाएंगे। अनुज्ञा के समय जमा होने वाली राशि अब संबंधित को वापस नहीं की जाएगी। उसके बदले में नगर निगम ठेकेदार के माध्यम से सिस्टम लगवाएगा और राशि ठेकेदार को भुगतान की जाएगी। अभी तक भवनों की अनुज्ञा जारी होने के समय वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए संबंधित अनुज्ञाधारी से निर्धारित राशि जमा कराई जाती थी। जिसमें जो लोग निर्माण कराते थे, उनको नगर निगम राशि वापस लौटा देता था। इसमें सामने आया कि अधिकांश लोग सिस्टम ही नहीं लगवाते थे और राशि निगम के खजाने में ही जमा है। हर साल भूजल स्तर गिरता जा रहा है और इसको लेकर नगरीय प्रशासन विभाग ने सख्ती से अमल के लिए योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद निगम ने टेंडर बुलाए थे। शुरू के दो बार किसी भी ठेकेदार ने रुचि नहीं ली और तीसरे बार के टेंडर में एक एजेंसी को काम दिया गया है। जिससे एग्रीमेंट होते ही शहर में योजना का अमल शुरू हो जाएगा।

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निगम खजाने में आठ लाख रुपये
पिछले कई साल से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य होने के बाद भी शहर में गिने-चुने लोग ही उसका पालन कर रहे हैं। जिसके चलते अनुज्ञा के समय जमा कराई जाने वाली राशि लेने भी कोई नहीं पहुंचता। वर्तमान में नगर निगम के कोष में हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए लगभग आठ लाख रुपये जमा हैं और ठेकेदार को उसी राशि से अनुज्ञाधारियों के भवनों में सिस्टम लगवाने के बाद राशि का भुगतान किया जाएगा।
ये है नियम
प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में बिल्डिंग परमीशन के लिए 140 वर्गमीटर से बड़े आकार के प्लाट में घर बनाने पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य है। नगर निगम सिक्योरिटी डिपॉजिट के बाद बिल्डिंग परमीशन जारी करते हैं, जो सिस्टम लगाने पर संबंधित को वापस कर दी जाती है।

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खास बातें-
– टेंडर होने के बाद ठेकेदार से किया जा रहा एग्रीमेंट
– 15 दिन बाद काम शुरू होने की उम्मीद
– निजी के साथ सरकारी भवनों में लगाए जाएंगे सिस्टम
– नगर निगमों में वर्ष 2009 से डिपॉजिट जमा होने के बाद ही जारी होती है बिल्डिंग परमीशन

इनका कहना है…
जिन लोगों ने भवन की परमीशन लेते समय राशि जमा करने के बाद से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया है। ऐसे लोगों की डिपॉजिट निगम कोष में जमा है। अब अनिवार्य रूप से सिस्टम लगाने टेंडर जारी किए गए हैं। जिसमें ठेकेदार से अनुबंध होना है और उसके बाद काम शुरू कराया जाएगा। ठेकेदार को जमा राशि से ही भुगतान होगा व अब राशि संबंधित को वापस नहीं की जाएगी।
राकेश शर्मा, प्रभारी कार्यपालन यंत्री, नगर निगम

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