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यहां के सरकारी स्कूलों में हर साल घट रही छात्रों की संख्या…जानिए कारण

locationकटनीPublished: Jul 18, 2019 09:23:04 pm

Submitted by:

mukesh tiwari

बहोरीबंद के कई स्कूलों में नहीं शिक्षक तो कुछ में दर्ज संख्या कम

number of students is declining in public schools

तिगवां प्राथमिक शाला

कटनी. एक ओर सरकारी स्कूलों में दिल्ली मॉडल लागू करने की बात कही जा रही है तो दूसरी ओर स्कूलों की स्थिति ही अलग है। कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी है तो कहीं पर छात्रों की संख्या नाममात्र को दर्ज है। बहोरीबंद जनपद पंचायत के स्कूलों की स्थिति देखें तो हर साल सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या घट रही है और अभिभावकों को मोह सरकारी स्कूलों की जगह निजी स्कूलों की तरफ बढ़ रहा है।
बहोरीबंद क्षेत्र के प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं मेंं वर्ष 2017 में 25 हजार बच्चे दर्ज थे और उनकी संख्या 2018 में घटकर 23 हजार 626 हो गई। वर्ष 2019 में 22 हजार 600 बच्चे ही स्कूलों में शेष बचे। क्षेत्र के हाइस्कूल की बात करें तो वर्ष 2016 में 8702 बच्चे थे, जो वर्ष 2017 में 8216 बचे। वर्ष 2018 में दर्ज संख्या 8505 रही और वर्ष 2019 में 8656 छात्र स्कूलों में दर्ज हैं।

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20 मिडिल स्कूल शिक्षक विहीन
तहसील क्षेत्र के 20 मिडिल और 5 हाइस्कूल शिक्षक विहीन हंै। 92 मिडिल स्कूलों में 91 में अंग्रेजी पढ़ाने के लिए शिक्षकों की पदस्थाना नहीं है। तिगवां प्राथमिक शाला के शिक्षक रघुनाथ सिंह ने बताया की वे जब 1998 में पदस्थ हुए थे, तब 100 बच्चे पढ़ते थे और वर्तमान में संख्या मात्र 26 है। यहां स्कूल की स्थिति यह है कि ब्लैक बोर्ड में पढ़ाई शुरू नहीं हुई है और निर्वाचन कार्य संबंधी पर्चा अभी तक चिपका हुआ है। इसी प्रकार मोहाई प्राथमिक शाला में मात्र 9 बच्चे हैं और उनको पढ़ाने दो शिक्षकों की तैनाती है।

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इनका कहना है…
आरटीइ एक्ट के कारण बच्चों की संख्या सरकारी स्कूलों में घटी है। गरीब परिवार के छात्रों को योजना में निजी स्कूलों में प्रवेश मिलता है और उससे सरकारी स्कूलों की दर्ज संख्या में फर्क आता है।
अशोक झारिया, बीइओ बहोरीबंद

पहले ट्रिपल एमएसआइडी नहीं चलती थी और ऐसे में एक ही छात्र का नाम कई जगह भी दर्ज हो जाता था। आइडी के कारण ऐसे बच्चों की संख्या भी सरकारी स्कूलों से घटी है।
शैलेन्द्र मिश्रा, बीआरसी बहोरीबंद

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