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बगैर रजिस्ट्रेशन चल रहे नर्सिंग होम को सील करने पहुंचे स्वास्थ्य अधिकारियों को डॉक्टर ने धमकाया, अब होगी कार्रवाई

सीएमएचओ ने वैधानिक कार्रवाई के लिए एसडीएम को पत्र, बस स्टैंड व नई बस्ती में बगैर रजिस्टे्रशन के चल रहे नर्सिंग होम का मामला

कटनीSep 18, 2018 / 12:39 pm

balmeek pandey

jholachap doctor news in singrauli

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कटनी. कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत नई बस्ती में डॉ. प्रदीप सोनी द्वारा नर्सिंग होम व कुठला थाना क्षेत्र के बस स्टैंड में बगैर पंजीयन फैक्चर क्लीनिक संचालन के मामले में नया मोड़ सामने आया है। नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने पर जब स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम नर्सिंग होम व क्लीनिक को सील करने पहुंचे तो डॉ. प्रदीप सोनी द्वारा धमकी दी गई, जिससे टीम को बेरंग लौटना पड़ा। वैधानिक कार्रवाई के लिए सीएमएचओ ने अब एसडीएम को पत्र लिखा है। कलेक्टर केवीएस चौधरी से जितेश प्रताप सिंह ने शिकायत में बताया था कि नई बस्ती में डॉ. प्रदीप सोनी द्वारा संचालित नर्सिंग होम बगैर पंजीयन के चल रहा है। 6 सालों में एक भी बार स्वास्थ्य विभाग के जांच दल ने न तो जांच की और ना ही कोई कार्रवाई। इस पर कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए। सीएमएचओ डॉ. एसके निगम ने आनन-फानन में जांच टीम भेजी। नोडल अधिकारी डॉ. समीर सिंघई के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम 1 सितंबर को जांच के लिए पहुंची। जांच में पाया गया कि 31 मार्च 2012 से बगैर पंजीयन के दोनों क्लीनिक संचालित हो रहे हैं। जांच रिपोर्ट पेश करने के बाद सीएमएचओ ने डॉक्टर प्रदीप सोनी को नियम विरुद्ध तरीके से क्लीनिक संचालित करते पाए जाने पर 24 घंटे के अंदर नर्सिंग होम बंद करने का अल्टीमेटम दिया। इसके बाद डॉक्टर ने ऑनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया अपनाई।

पत्नी सरकारी नौकरी में, फिर भी बता दिया कन्सलटेंट
डॉ. प्रदीप सोनी ने नर्सिंग होम के पंजीयन के लिए जब ऑनलाइन आवेदन किया तो उसमें कन्सलटेंट पत्नी डॉ. नीलम सोनी का नाम भरा। जबकि पत्नी जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में पदस्थ है। सरकारी नौकरी के कारण फार्म रिजेक्ट हो गया। 14 को फिर से अधिकारियों की टीम नर्सिंग होम व क्लीनिक सील करने के लिए पहुंची तो डॉक्टर प्रदीप सोनी ने धमकी दे डाली। इसके बाद सीएमएचओ ने 14 सितंबर को एसडीएम को वैधानिक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है।

ऐसे उजागर हुआ मामला
जानकारी के अनुसार शहर के नई बस्ती में डॉ. प्रदीप सोनी द्वारा नर्सिंग होम का संचालन पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है। बिना अनुमति संचालन की शिकायत कलेक्टर से जितेश प्रताप सिंह ने करते हुए कार्रवाई की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने नर्सिंग होम संचालन को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से आरटीआइ में प्राप्त जानकारी के अनुसार सीएमएचओ कार्यालय में डॉ. प्रदीप सोनी द्वारा नई बस्ती में नर्सिंग होम संचालन का कोई जीवित पंजीयन नहीं है। एमपी ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन भी प्रस्तुत नहीं किया गया है। इस मामले में डॉ. प्रदीप सोनी का कहना था कि जितेश ठाकुर द्वारा जिला अस्पताल के एसएनसीयू में पदस्थ पत्नी नीलम सोनी से अभ्रदता की गई थी। थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई है। इसी मामले में दुर्भवना वश जितेश प्रताप द्वारा शिकायत की जा रही है। आरोप निराधार है।

मिला था संरक्षण!
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा झोलाछाप डॉक्टरों पर सालभर कार्रवाई की दुहाई दी जाती है, लेकिन शहर के बीचो-बीच 6 साल से बगैर पंजीयन के नर्सिंग होम चलता रहा, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। सूत्रों की मानें तो डॉ. नीलम गुप्ता जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में पदस्थ हैं। विभागीय अधिकारियों से सांठ-गांठ के चलते बगैर पंजीयन के ही नर्सिंग होम संचालित होता रहा है। जबकि नियम के अनुसार यदि कोई डॉक्टर है और वह क्लीनिक चलाता है तो उसे ऑनलाइन आवेदन करना जरुरी हो गया है। सीएमएचओ निरीक्षण के बाद उसे सत्यापित करते हैं। इसके बाद रजिस्ट्रेशन दिया जाता है। उल्लंघन करते पाए जाने पर उसे सील करने का भी प्रावधान है।

इनका कहना है
डॉ. प्रदीप सोनी द्वारा बगैर पंजीयन, नगर निगम की बिना कॉमर्शियल और प्रदूषण विभाग की एनओसी लिए बगैर क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। सील करने के नोटिस व सील करने पहुंची टीम को धमकी दी गई है। इस पर वैधानिक कार्रवाई के लिए एसडीएम को पत्र लिखा है।
डॉ. एसके निगम, सीएमएचओ।

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