पत्नी सरकारी नौकरी में, फिर भी बता दिया कन्सलटेंट
डॉ. प्रदीप सोनी ने नर्सिंग होम के पंजीयन के लिए जब ऑनलाइन आवेदन किया तो उसमें कन्सलटेंट पत्नी डॉ. नीलम सोनी का नाम भरा। जबकि पत्नी जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में पदस्थ है। सरकारी नौकरी के कारण फार्म रिजेक्ट हो गया। 14 को फिर से अधिकारियों की टीम नर्सिंग होम व क्लीनिक सील करने के लिए पहुंची तो डॉक्टर प्रदीप सोनी ने धमकी दे डाली। इसके बाद सीएमएचओ ने 14 सितंबर को एसडीएम को वैधानिक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है।
ऐसे उजागर हुआ मामला
जानकारी के अनुसार शहर के नई बस्ती में डॉ. प्रदीप सोनी द्वारा नर्सिंग होम का संचालन पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है। बिना अनुमति संचालन की शिकायत कलेक्टर से जितेश प्रताप सिंह ने करते हुए कार्रवाई की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने नर्सिंग होम संचालन को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से आरटीआइ में प्राप्त जानकारी के अनुसार सीएमएचओ कार्यालय में डॉ. प्रदीप सोनी द्वारा नई बस्ती में नर्सिंग होम संचालन का कोई जीवित पंजीयन नहीं है। एमपी ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन भी प्रस्तुत नहीं किया गया है। इस मामले में डॉ. प्रदीप सोनी का कहना था कि जितेश ठाकुर द्वारा जिला अस्पताल के एसएनसीयू में पदस्थ पत्नी नीलम सोनी से अभ्रदता की गई थी। थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई है। इसी मामले में दुर्भवना वश जितेश प्रताप द्वारा शिकायत की जा रही है। आरोप निराधार है।
मिला था संरक्षण!
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा झोलाछाप डॉक्टरों पर सालभर कार्रवाई की दुहाई दी जाती है, लेकिन शहर के बीचो-बीच 6 साल से बगैर पंजीयन के नर्सिंग होम चलता रहा, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। सूत्रों की मानें तो डॉ. नीलम गुप्ता जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में पदस्थ हैं। विभागीय अधिकारियों से सांठ-गांठ के चलते बगैर पंजीयन के ही नर्सिंग होम संचालित होता रहा है। जबकि नियम के अनुसार यदि कोई डॉक्टर है और वह क्लीनिक चलाता है तो उसे ऑनलाइन आवेदन करना जरुरी हो गया है। सीएमएचओ निरीक्षण के बाद उसे सत्यापित करते हैं। इसके बाद रजिस्ट्रेशन दिया जाता है। उल्लंघन करते पाए जाने पर उसे सील करने का भी प्रावधान है।
इनका कहना है
डॉ. प्रदीप सोनी द्वारा बगैर पंजीयन, नगर निगम की बिना कॉमर्शियल और प्रदूषण विभाग की एनओसी लिए बगैर क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। सील करने के नोटिस व सील करने पहुंची टीम को धमकी दी गई है। इस पर वैधानिक कार्रवाई के लिए एसडीएम को पत्र लिखा है।
डॉ. एसके निगम, सीएमएचओ।