हद तो तब हो गई है जब एक शिक्षिका ने चुनाव ड्यूटी से अपना नाम हटवाने के लिए रिश्तेदार का छह माह का बच्चा लेकर मैनपावर कार्यालय पहुंच गई। आवेदन देते हुए कहा कि बच्चा गोद में है, इसलिए उसे चुनाव ड्यूटी करने में समस्या होगी।
कृपया उसकी चुनाव में ड्यूटी न लगाई जाए। अधिकारी को शक हुआ तो उन्होंने शिक्षिका से बच्चे के टीकाकरण सहित अन्य जानकारी पूछी तो शिक्षिका फंस गई और जवाब नहीं दे पाई।
नहीं दे पाई जवाब
अधिकारियों ने शिक्षिका से पूछा कि बच्चा कितने माह का हो गया तो शिक्षिका ने बताया कि 5-6 माह का है। अधिकारी ने पूछा कि टीकाकरण कहां करा रही हो इसका तो महिला हड़बड़ाने लगी, बात यहीं नहीं रुकी तो अधिकारी ने कहा कि मात्र वंदना योजना के तहत कितने रुपए मिले हैं तो भी शिक्षिका जवाब नहीं दे पाई।
मैनपावर में बैठे अधिकारी-कर्मचारियों के पास जब रिश्तेदार का उधारी में बच्चा लेकर पहुंची शिक्षिका गुहार लगा रही थी, इसी दौरान बच्चा रोने लगा। शिक्षिका रोते हुए बच्चे को शांत कराने का प्रयास करने लगी लेकिन वह शांत होने की बजाय और तेज रोने लगा और शिक्षिका से दूर हटने की कोशिश करने लगा। बच्चे की हरकतें देख अधिकारियों को शक हुआ और उन्होंने शिक्षिका से पूछताछ शुरू कर दी।