निजी लैब को नमूने भेजने को लेकर सीएमएचओ ने माना कि अफसरों का दबाव ज्यादा है। उन्होंने बताया कि फोन पर तो अफसर यहां तक कह रहे हैं कि निजी लैब में नमूने नहीं भेजने के बाद जांच रिपोर्ट आने में विलंब होने पर अंजाम भुगतना पड़ेगा। आला अधिकारी सीधे तौर पर कह रहे हैं कि आरआर टीम बस नमूने निजी लैब सुप्रा टेक को भेजे, निजी कंपनी को होने वाले बिल का भुगतान उपर से ही अफसर मैनेज कर लेंगे।
बतादें कि यह स्थिति तब है जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने 7 अगस्त को ही ट्वीट कर जानकारी दी है कि कोविड-19 से निपटने के लिए अस्पतालों में बेड, टेस्टिंग किट और पीपीइ किट के लिए 890.32 करोड़ दिया गया है। बताया जा रहा है कि जबलपुर से निजी लैब सुप्राटेक को 12 हजार से ज्यादा नमूने जांच के लिए दिया गया है। इसमें प्रति जांच 19 सौ रूपये से ज्यादा का भुगतान होगा।
सीएमएचओ आरबी सिंह बताते हैं कि उपर से अधिकारी लगातार फोन पर कह रहे हैं कि कोरोना जांच के लिए नमूने निजी लैब सुप्राटेक को भेजना है। बीते कई दिनों से फोन पर दबाव बढऩे के बाद सोमवार को 383 नमूने भेजा गया है। अफसर यहां तक कह रहे हैं कि आप सैंपल भेजो बिल का इंतजाम उपर से हो जाएगा।