डेढ़ माह शुगर मिल माफिया की चंगुल में फंसे 52 मजदूर घर लौटे, दोषियों पर कार्रवाई करना भूले अफसर
परिजनों ने जनसुनवाई में की थी शिकायत, कलेक्टर ने गठित की टीम, महाराष्ट्र के सोलापुर एसपी से संपर्क कर मजदूरों की हुई घर वापसी हुई.

कटनी. स्लीमनाबाद तहसील के धनवाही व कारीपाथर के श्रमिक व परिवार के 52 सदस्य शुक्रवार आधी रात सकुशल गांव लौट आए। सभी मजदूर 22 से 25 नवंबर के बीच काम की तलाश में महाराष्ट्र के सोलापुर पहुंचे और कंदल गांव में शुगर मिल माफिया की चंगुल में फंस गए। गांव लौटे मजदूरों ने बताया कि चार सौ रूपये प्रतिदिन मजदूरी देने की बात कहकर सौ रूपये ही दिया गया। अनाज भी भरपेट नहीं दिया जा रहा था। मजदूरों ने किसी तरह एक माह तक काम किया। परेशानी बढ़ी तो वापस घर लौटने लगे। तभी मजदूरों को वापस घर नहीं आने दिया गया, मोबाइल भी छिन लिया। किसी तरह से एक मजदूर मोबाइल छिनने से बचाने में सफल रहा और कटनी जिले के भरदा बडख़ेरा के जनपद सदस्य विकास पांडेय को फोन कर परेशानी बताई। विकास मजदूरों के परिजनों को लेकर पांच जनवरी को कटनी पहुंचे। एडिशनल एसपी संदीप मिश्रा के साथ ही जनसुनवाई में परेशानी बताई।
बतौर प्रशासन शिकायत को कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने गंभीरता से लिया और फौरन ही बहोरीबंद एसडीएम रोहित सिसोनिया को मजदूरों के सकुशल घर वापसी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। टीकमगढ़ जिले में पदस्थ एसडीएम सौरभ सोनवाने से संपर्क कर मजदूरों को सुरक्षित घर वापसी की रणनीति बनी और महाराष्ट्र के सोलापुर एसपी तेजस्वी सत्पोटे को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया गया। महाराष्ट्र में एसपी सोलापुर ने पुलिस इंस्पेक्टर नितिन थेटे के नेतृत्व में टीम बनाई और 6 जनवरी को ही छापामार कार्रवाई कर सभी मजदूरों को अभिरक्षा में लेकर मंदरुप थाने पहुंचे।
वहां से श्रमिकों को परिवार सहित नागपुर भेजा गया। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने नागपुर से मजदूरों को घर लाने के लिए बस की व्यवस्था की थी, जिसमें सभी मजदूर शुक्रवार रात सकुशल घर पहुंचे। खासबात यह है कि शनिवार को पूरे दिन इस मामले में श्रेय लेने का दौर चलता रहा, लेकिन महाराष्ट्र में मजदूरों को बंधक बनाने वाले आरोपियों पर आपराधिक प्रकरण व दूसरी कार्रवाई करना ही अफसर भूल गए।
मुख्यमंत्री, प्रदेशाध्यक्ष ने की सराहना
मजदूरों की सकुशल घर वापसी पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि मध्यप्रदेश की जनता को सुशासन देना सरकार एकमात्र लक्ष्य है। वहीं स्थानीय सांसद व भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि कलेक्टर, एसडीएम और प्रशासन के अन्य अधिकारियों की तत्परता से श्रमिक सकुशल घर लौटे।
मजदूरों ने बताया दलाल और मालिक का नाम
गांव लौटे मजदूरों ने बताया कि संजू बर्मन, कूडऩ गांव के मिश्रा और आकुल कोल बडख़ेरा भरदा के साथ महाराष्ट्र गए थे। वहां मालिक सोनू मोटा ने घर आने से रोका। उसके गुर्गों ने मोबाइल छीना।
एसडीएम रोहित सिसोनिया ने बताया कि पूरे मामले की जांच चल रही है। आरोपियों पर एफआइआर सहित अन्य जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
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