जिसे कटनी-सिंगरौली रेलखंड पर पिपरियाकला व खन्नाबंजारी स्टेशन के मध्य स्थापित किया गया है। कई बार ऐसा होता है कि मालगाडिय़ों का भार होने के कारण फ्लेट टायर तथा हॉट एक्सल का दोष आ जाता है, और परिचालन में गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। अब ऐसी खराबी की जानकारी ओएमआरएस संबंधित अनुरक्षकों को पहुचा देगा, और सुधार कार्य प्रारंभ समय रहते हो सकेगा।
पश्चिम मध्य रेलवे के सीपीआरओ राहुल जयपुरियार बताते हैं कि यहां फ्रेट मालगाडिय़ों की गति में वृद्धि के लिए व्हील इम्पेक्ट लोड डेडक्टर उपकरणों को कटनी-बीना रेल खंड में दमोह के पास, बीना-भोपाल रेल खंड में बीना के पास एवं भोपाल-इटारसी रेल खंड में इटारसी के पास स्थापित किया गया है। डब्लूआईएलडी की तकनीक से और उच्च तकनीक ओएमआरएस स्थापित हो जाने से दोनों प्रणाली के संयुक्त रूप से कार्य करने में मालगाडिय़ों की गति बढ़ेगी। 75 किलोमीटर प्रति घंटे की वृद्धि में यह तकनीक कारगर साबित हो रही है।
ओएमआरएस की यह है खासियत
– ट्रेन के गुजरने की तारीख एवं समय दर्ज होगी।
– वैगन की संख्या व गाड़ी की गति दर्ज होगी।
– संचालन की दिशा और ट्रेन के इंजन एवं वैगन की फोटो।
– ट्रेन के इंजन एवं वैगन के नंबर भी फीड होगी जो सीधे कंट्रोलरूम जाएगी।
ट्रेन परिचालन में ऐसे लाभ
ओएमआरएस के बाद सेक्शन में चलने वाली गाडियों के बियरिंग तथा चक्को में यदि कोई खराबी आती है तो यह सिस्टम इस खराबी की सूचना अलार्म एवं एसएमएस के माध्यम से कंट्रोल आफिस में तुरंत सूचना देता है, फलस्वरूप कैरेज एंड वैगन स्टाफ द्वारा अगले स्टेशन में खराबी जानने हेतु परीक्षण किया जाता है। जिससे त्वरित कार्यवाही होना सुनिश्चित होता है। इस प्रणाली के लगने से कम समय में वैगन अनुरक्षण एवं रखरखाव बेहतर तरीके से होगा।