गंभीर समस्या से जूझ रहे विद्यार्थी
विजयराघवगढ़ कॉलेज पिछले ७ सालों से उत्कृष्ट विद्यालय के तीन कमरों में संचालित हो रहा है। यहां पर बीए संकाय के विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। बीए में तीनों ही संकाय की ९ कक्षाएं हैं इसमें से मात्र तीन कमरे होने के कारण शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा कॉलेज स्टाफ को भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि कॉलेज बनने के बाद भी विद्यार्थियों को सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ताज्जुब की बता तो यह है कि अधिकारी दो साल से अबतक रास्ते की समस्या का समाधान नहीं कर पाए हैं।
नामकरण करने की मांग
स्थानीय निवासियों ने विद्यार्थियों की समस्या को देखते हुए शीघ्र ही शासन-प्रशासन से मार्ग की समस्या हल कराते हुए कॉलेज भवन का लोकार्पण कराने मांग की है। साथ ही सुरेंद्र दुबे ने उपरोक्त महाविद्यालय का नाम करण १८५७ की क्रांति में विगढ़ रियासत से शहीद हुईं वीरांगना वीरा नयनी के नाम पर करने मांग की है। इसके अलावा महाविद्यालय भवन के आस-पास शासकीय भूमि पर खेल मैदान व शासकीय आवास योजना स्कीम की स्वीकृति कराए जाने मांग की है।
इनका कहना है
जगह के अभाव में कॉलेज संचालन को लेकर बहुत समस्या आ रही है। कॉलेज भवन बनकर तैयार है, लेकिन शुभारंभ नहीं हो रहा। रास्ते की समस्या लोकार्पण में रोड़ा बनी हुई है। कुछ लोगों ने जमीन दान में देने की बात कही है, प्रशासन को इस दिशा में शीघ्र पहल करनी चाहिए।
डॉ. अरुण कुमार, प्राचार्य, विगढ़ कॉलेज।
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शीघ्र ही कॉलेज पहुंच मार्ग की समस्या का समाधान कराया जाएगा। भू-स्वामियों से चर्चा की गई है। दानपत्र आदि की कार्रवाई कराकर रास्ता तैयार कराया जाएगा।
अनिल श्रीवास्तव, तहसीलदार, विजयराघवगढ़।