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हमारी हैसियत तो जीने तक नहीं हैं, आत्महत्या जैसे ऊंचे शौक कैसे पाल सकते है…

locationकटनीPublished: Apr 21, 2019 04:27:12 pm

Submitted by:

balmeek pandey

भगवान महावीर जयंती के उपलक्ष्य में कवि सम्मेलन का आयोजन

Organizing a Kavi Sammelan in the presence of Lord Mahavir Jayanti

Organizing a Kavi Sammelan in the presence of Lord Mahavir Jayanti

कटनी. श्रमण संस्कृति के प्रर्वतक भगवान महावीर की जयंती के उपलक्ष्य में जैन बोर्डिग हाउस में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि अलका जैन, समाजसेवी संतोष कुमार मालगुजार, सुधीर कुमार जैन की विशेष उपस्थिति रही। इस अवसर पर अतिथियों एवं कवि मनोहर मनोज, सांड नरसिंहपुरी, व्यंजना शुक्ला, भगवान सहाय, चेतन चर्चित, शौर्य सृजन, रवि चतुर्वेदी, प्रकाश प्रलय का सम्मान अनूप सिंघई, कोमलचंद जैन, पंचम जैन, शरद जैन-पाटन, डॉ. संदीप जैन, संजय सिंघई, शरद सरावगी, सुकमाल जैन, शिल्पी जैन, राजकुमार जैन, सजेन्द्र जैन, जयश्री जैन, बबिता, अर्चना चंदेरिया समता जैन द्वारा किया गया। इस अवसर पर लखनऊ से व्यंजना शुक्ला के द्वारा सरस्वती वंदना के साथ गीत-गजल की प्रस्तुति देकर वाह-वाही लूटी। 12 बंकी से पहुंचे ओज के कवि सृजन शौर्य ने ओज की रचनाएं पढ़कर मंत्र श्रोताओं का मंत्र-मुग्ध कर दिया। इंदौर से चेतन चर्चित ने राजनीति व व्यंग पढ़कर लोगों को हंसाया। आगरा से पधारे भगवान सहाय ने मेरे तनमन को फकीर लिख दीजिये, कफन तिरंगें वाला चीर लिख दीजिये सत्य अहिंसा का पुजारी बन जाऊ त्रिशला का बालक महावीर लिख दीजिये ने लोगों को ताली बजाने में मजबूर कर दिया।

इन्होंने भी गुदगुदाया
नरसिंहपुर से गुरू सक्सेना ने कहां कि किस्मत के खोटे लोग हैं हैसियत के छोटे लोग है परिवार को मुसिबत में कैसे डाल सकते है। हमारी हैसियत तो जीने तक नहीं हैं। आत्महत्या जैसे उंचे शौक कैसे पाल सकते है। इस अवसर डॉ. समीर चौधरी, अभिनंदन जैन सुभाष सिंघई, मुकेश चंदेरिया, आनंद अकेला, जगदीश त्रिपाठी, तुषार तपन, जन परिषद के अध्यक्ष मीना चौधरी, राजेश प्रखर, गीता पाठक, संगीता जायसवाल, संजय जैन, शैलेन्द्र जैन कंजे, एडवोकेट दिनेश जैन, अजीत सिंघई, मगन जैन, प्रवीण जैन, राजेन्द्र जैन, अरविन्द्र जैन के साथ उपस्थित जनसमुदाय ने कवि सम्मेलन का आनंद उठाया।

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