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थाना व चौकी तो आपने बहुत बार देखी होगी पर ऐसी जगह में चौकी लगते पहली बार देखेेंगे, देखें वीडियो

locationकटनीPublished: Jan 09, 2019 12:38:18 pm

Submitted by:

dharmendra pandey

डीआरएम से लेकर ऐडीजी रेल तक देख चुके है जीआरपी की परेशानी, फिर भी नहीं समाधान

Outpost in the hut for 12 years

Outpost in the hut for 12 years

कटनी. थानों व चौकियों को सर्वसुविधा युक्त भवनों में संचालित होते तो आपने कई बार देखा होगा, लेकिन झोपड़ी में चौकी लग रहीं यह जानकार आप यकीन नहीं करेंगे। लेकिन यह सच है। लगभग 12 साल से मुड़वारा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक-2 में खुली जीआरपी चौकी झोपड़ी में संचालित हो रही है। अब तक भवन की सुविधा नहीं मिल पाई है। कर्मचारियों की मजबूरी यह है कि ठंड के सीजन में चाहे 2 डिग्री का तापमान हो या फिर गर्मी के सीजन में 45 डिग्री में तपती धूप। इसी झोपड़ी में बैठकर कार्यालय चलाना पड़ रहा है। यात्रियों की समस्याओं को सुनना पड़ता है।
जानकारी के अनुसार मुड़वारा स्टेशन को बने हुए 12 साल से अधिक का समय हो गया है। स्टेशन बनने के साथ ही ट्रेनों का स्टॉपेज हो गया। दिल्ली रूट पर चलने वाली अधिकांश ट्रेनों का स्टॉपेज होता है। स्टेशन में रुकने वाली ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए स्टेशन परिसर में जीआरपी चौकी खोली गई। ताकि स्टेशन पर मौजूद पुलिस यात्रियों की परेशानी को सुनकर उनकी समस्याओं का निदान कर सकें। टूटी सीमेंट सीट की बनी झोपड़ी में लगते हुए चौकी को करीब 12 साल का समय हो गया है, लेकिन उसके हालात नही बदले है। झोपड़ी को भवन में तब्दील करने के लिए न तो रेल प्रबंधन ध्यान दे रहा है। न ही जीआरपी। जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण कर्मचारियों को मजबूरी बस झोपड़ी में कार्यालय लगाना पड़ रहा है। रेल विभाग अब तक जीआरपी को न तो भवन दिला पाया और ना ही जमीन।
डीआरएम से रेल एडीजी तक कर चुके है निरीक्षण
झोपड़ी की बनी चौकी में बैठकर ड्यूटी कर रहे जीआरपी आरक्षक ने बताया कि बीते दिनों एडीजी रेल अचानक दौरे पर आए थे। झोपड़ी में लग रहीं चौकी का भी निरीक्षण किया था। इसके अलावा डीआरएम से लेकर रेलवे के कई बड़े अधिकारी भी आ चुके है। सभी से चौकी के लिए भवन की मांग की गई। कई बार विभाग द्वारा पत्राचार भी किया गया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
पैंट खा गए चूहे
चौकी पर मौजूद जीआरपी कर्मचारी ने बताया कि झोपड़ी में चारों तरफ से छेंद बना हुआ है। स्टेशन परिसर में चूहों का आतंक है। चारों तरफ से छेंद होने की वजह से चूहों का भी अंदर ही डेरा रहता है। आरक्षक ने बताया कि वर्दी का एक पैंट रखा हुआ था। जिसको चूहों ने खाकर छलनी कर दिया। जिसके चलते फेंकना पड़ा।

इनका कहना है
भवन के लिए कई से बार रेलवे अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। पत्राचार भी किए गए, उसके बाद भी समस्या का हल नहीं हुआ। रेल अधिकारियों की अनदेखी के कारण मजबूरी में झोपड़ी में चौकी का संचालन करना पड़ रहा है।
डीपी चडार, टीआइ, जीआरपी।
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