माधवनगर में डेढ़ सौ से ज्यादा अवैध निर्माण, नोटिस तक सीमित कार्रवाई
पुनर्वास की जमीन पर खुलेआम चल रहा अतिक्रमण कर निर्माण का खेल, आंख मूंदे बैठे राजस्व विभाग के अधिकारी.

कटनी. प्रदेश सरकार द्वारा शासकीय जमीन पर अतिक्रमण हटाने को लेकर लगातार अभियान चलाए जाने के बीच कटनी शहर स्थित माधवनगर में खुलेआम अतिक्रमण का खेल चल रहा है। जानकर ताज्जुब होगा कि यहां डेढ़ सौ से ज्यादा ऐसे निर्माण हैं, जो बीते कुछ माह व एक साल के अंदर किए गए हैं। ऐसे निर्माण पर समय रहते कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं तो राजस्व विभाग की कार्रवाई महज नोटिस जारी करने से लेकर छिटपुट कार्रवाई तक ही सीमित है।
एसडीएम बलबीर रमण के अनुसार माधवनगर में अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जा रही है। डेढ़ सौ से ज्यादा नए निर्माण पर कार्रवाई की जाएगी।
1356 अवैध निर्माण सूचीबद्ध कुछ दशक पहले बने
माधवनगर में पुनर्वास के लिए 1672 विस्थापितों को सूचीबद्ध कर 1975-76 से 1993-94 तक 1711 भूखंडों के पट्टे दिए गए। बाद में विस्थापित परिवारों के सदस्यों ने आसपास की खाली जमीन पर अतिक्रमण कर निर्माण शुरू किया। यहां अतिक्रमण कर ऐसे 1356 निर्माण किया गया है, जो अवैध हैं और अतिक्रमण की श्रेणी में हैं। बीच-बीच में इन अवैध निर्माण को वैध करार देने के लिए भोपाल तक आवाज बुलंद की गई।
नीति बनाना मुश्किल
माधवनगर में अवैध निर्माण को वैध करार देने के लिए शासन स्तर पर नीति बनाने की बात कही गई, लेकिन नीति बनाना इसलिए मुश्किल है क्योंकि फिर पूरे प्रदेश में इसे उदाहरण मानकर लोग सरकारी जमीन पर हुए अवैध निर्माण को वैध करार करवाएंगे। इससे सरकारी जमीन बचाना मुश्किल हो जाएगा और विकास कार्य प्रभावित होंगे।
ऐसे चलता है अवैध निर्माण का खेल
- पहले कच्चा दीवार उठाकर कब्जा किया जाता है, फिर धीरे से अंदर ही अंदर पक्का निर्माण शुरू कर दिया जाता है।
- पुनर्वास सीट क्रमांक 2 में प्लॉट नंबर 138 व 139 में संजय कुमार आनंद द्वारा हरा कपड़ा लगाकर खुलेआम मकान का निर्माण किया गया।
- सरकारी जमीन में अवैध निर्माण के मामलों में कार्रवाई के दौरान समय पर पुलिस की मदद नहीं मिलने के मामले भी सामने आते रहे हैं।
मनमाने निर्माण का बड़ा उदाहरण डर्बी होटल
माधवनगर में मनमाने निर्माण का उदाहरण डर्बी होटल भी रहा है। यहां पूर्व में अतिक्रमण हटाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा चलाए गए अभियान के दौरान बड़ी संख्या में सरकारी अमला मौके पर पहुंचा और होटल को सील कर दिया गया। बाद में सील खुली और होटल का संचालन शुरू हो गया। इस मामले में नगर निगम को अवैध निर्माण पर कार्रवाई करनी है, लेकिन निगम के अधिकारी अब तक कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।
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