किसानों ने आरोप लगाया कि खरीदी केंद्र प्रभारी की मनमानी से किसान परेशान हैं। 41 किलो 200 ग्राम धान की तुलाई की जाती है। इतना ही नहीं 50 रूपए प्रति क्विंटल किसानों से कमीशन लिया जाता है। तहसीलदार और एसडीएम को शिकायत करने के बाद किसानों की नहीं सुनी जा रही है।
खासबात यह है कि किसानों की यह परेशानी धान खरीदी समाप्ति के एक दिन पहले की है। जिले में 15 जनवरी के बाद से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी समाप्त हो जाएगी। इस बीच 14 जनवरी तक स्थिति यह है कि जिलेभर में 102 धान खरीदी केंद्र में निर्धारित लक्ष्य 3 लाख 20 हजार मिट्रिक टन की तुलना में 99.72 प्रतिशत 3 लाख 19 हजार 117 मिट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। इसके बाद भी धान खरीदी केंद्रों के बाहर किसानों की कतार व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है।
धान खरीदी व्यवस्था से जुड़े जिम्मेदारों की बेपरवाही के कारण जिलेभर में 9 सौ से ज्यादा ऐसे किसान हैं, जो अब तक धान नहीं बेच पाए हैं। इन किसानों को मोबाइल पर मैसेज भी आ गया था, लेकिन बारिश के कारण धान खरीदी दो दिन बंद रहने के साथ ही कई केंद्रों में मैसेज की समयावधि के बीच बारदाना नहीं होने के कारण भी कई किसान धान नहीं बेच पाए। ऐसे किसान परेशान हैं कि शनिवार को अंतिम समय समाप्त होने के बाद उनके धान का क्या होगा।
इस बारे में जिला पंचायत सीइओ जगदीश चंद्र गोमे बताते हैं कि जिलेभर से लगभग 9 सौ किसानों को दोबारा मैसेज भेजने के लिए जानकारी भोपाल भेजी गई है। वहां से निर्देश आते ही ये किसान धान बेच पाएंगे। किसानों की अन्य समस्याओं को दूर किया जा रहा है।
एक नजर अब तक की धान खरीदी पर
– 37 हजार 294 किसानों ने बेची धान.
– 3 लाख 19 हजार 117 मिट्रिक धान बेची.
– 619 करोड़ रूपए का होना है भुगतान.
– 318 करोड़ रूपए का हुआ भुगतान.
– 301 करोड़ का भुगतान शेष.
– 14 हजार 873 किसानों को भुगतान का इंतजार.
– 86 हजार 352 मिट्रिक टन धान परिवहन के लिए शेष.