जिले में कोरोना मरीजों की संख्या का आंकड़ा 1 हजार पार कर 1055 पहुंच गया। रोजाना 50 से अधिक लोग ही संक्रमित पाए जा रहे हैं। रविवार शाम आई ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 55 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। तकरीबन हर दिन का यही हाल है। हर शाम लोगों की धड़कनें बढ़ जाती हैं। हर कोई एक ही कामना करता है कि अब तो संक्रमितों की संख्या में गिरावट आए। अब तो मौत का सिलसिला थमें।
दिन-ब-दिन भयावह होती जा रही स्थिति के मद्देनजर कलेक्टर शशिभूषण सिंह ने रविवार को कलेक्ट्रेट में स्वास्थ्य अधिकारियों संग बैठक की। इस दौरान कोरोना संदिग्धों की सैंपलिंग, टेस्टिंग, उपचार सेवाएं, कोविड केयर सेंटर, डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर के बारें मुकम्मल जानकारी हासिल की।उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को महामारी के दौरान सैंपलिंग, टेस्टिंग और उपचार सेवाओं में पूर्ण सतर्कता और गंभीरता बरतने की हिदायत दी।
कलेक्टर ने कहा कि जिले में 12 फीवर क्लीनिक संचालित किए जा रहे हैं। इनमें संदिग्ध मरीजों की गंभीरता पूर्वक जांच व सेंपलिंग की कार्रवाई की जाए। जिले के डेडीकेटेड हेल्थ सेंटर्स में ऑक्सीजन की उपलब्धता और पर्याप्त सप्लाई चैन बनी रहनी चाहिए। उन्होंने ड्रग इंसपेक्टर और सिविल सर्जन को लगातार मॉनीटरिंग करने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर सिंह ने होम आईसोलेशन के मरीज की उपचार सेवाओं के लिए कोविड कमांड कंट्रोल सेंटर के सुचारु संचालन नहीं करने पर नाराजगी जताई। इसी प्रकार जिला अस्पताल में बन रहे आईसीयू वॉर्ड का कार्य अभी तक पूरा नहीं होने पर विभागीय उपयंत्री और कार्यपालन यंत्री को नोटिस जारी करने तथा समय पर कार्य पूर्ण नहीं करने पर संबंधित निविदाकार की संविदा समाप्त कर उसे ब्लेकलिस्टेड करने के बाबत नोटिस जारी करने को कहा।
कलेक्टर ने आम लोगों से अपील करते हुए कहा, भयभीत न हों। संक्रमित मरीजों की संख्या से भयभीत होने की जरूरत नहीं है। उन्होनें बताया कि कोरोना संक्रमण काल में बचाव के प्रोटोकॉल, मास्क धारण करना, समय समय पर हाथ धोते रहना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, अनावश्यक भीड़भाड़ में बाहर नहीं निकलना आदि सावधानियां अपनाकर कोरोना संक्रमण से आसानी से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के उपचार और देखभाल की सभी सुविधाएं और व्यवस्था जिले में पर्याप्त रूप से उपलब्ध हैं।