प्राइमरी से लेकर कक्षा 8वीं तक की एनसीआरटी की किताबों का जो सेट बाजार में 300 से 400 रुपये के बीच मिलता है। वहीं निजी पब्लिशर्स की प्राइमरी से लेकर कक्षा 8वीं तक की किताबों को सेट 1200 से 3000 के बीच मिल रहा है। 2019-20 के नए शिक्षण सत्र के लिए निजी स्कूल संचालकों ने पालकों से निजी पब्लिर्श की पुस्तकें लेने कहा है। जाहिर है इसका सीधा नुकसान पालकों को होगा।
खास-खास:
– पत्रिका टीम की पड़ताल में पता चला कि प्राइवेट पब्लिशर्स की किसी भी किताब की कीमत सौ रुपये से कम नहीं है, जो बढ़कर चार सौ रुपये तक है।
– एनसीआरटी की किताब का दाम 55 से 60 रुपये के बीच है। इसके साथ ही कक्षा 8वीं की तक एनसीआरटी की किताबों के दाम भी कम है।
– एडमिशन के लिए निजी स्कूल पहुंचने वाले पालकों को दलालों के माध्यम से बताया जा रहा है कि किस दुकान से पुस्तकें लेनी है।
– जिलेभर में 420 निजी स्कूल हैं। यहां हर साल एक लाख से ज्यादा बच्चों की किताब में कमीशन का खेल लाखों रुपये से अधिक है।
– सीबीएसइ स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली पुस्तकों का दो दुकानों में मिलना अनिवार्य किया गया है। इसका पालन भी नहीं हो रहा है।
इनका कहना है
मामले का पता लगवाते है। यदि ऐसा है तो संबंधित स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
एसएन पांडे, डीइओ।