नालों का मुड़े मार्ग, ताकि निर्मल रहे नदी
समाजसेवी राज जगवानी ने पत्रिका अमृतम् जलम् अभियान के तहत कहा कि पत्रिका ने जल और जल श्रोतों के संरक्षण के लिए पिछले कई वर्षों से जन-जागरुकता का काम कर रही है। इससे समाज काफी जागरुकता आई है, लेकिन लोगों को जल संरक्षण की दिशा में विशेष पहल करनी होगी। शहर की दोनों प्रमुख नदियों में जो शहर के गंदे नाले मिल रहे हैं, उनपर तत्काल रोक लगानी होगी। बाबाघाट धार्मिकता के आधार पर भी विशेष महत्व रखता है इसलिए यहां का पानी हमेशा निर्मल बना रहे इसके लिए नदी में मिलने वाले नालों का रुख मोडऩा होगा। इसके लिए नगर निगम और जिला प्रशासन को सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
बने कुंड, लगे जालियां
पत्रिका अमृतम् जलम् अभियान के साक्षी बने पार्षद राजेश जाटव ने कहा कि अभियान निश्चित ही लोगों के कल को सुरक्षित करने के लिए बेहतर परिणाम है। क्योंकि जल के बिना जीवन की कल्पना की ही नहीं जा सकती। इसलिए बाबाघाट सहित अन्य जल श्रोतों के समीप पूजन सामग्री विसर्जन के लिए कुंड बनाए जाने चाहिए और घाट के किनारे ऊंची जालियां लगाई जाएं, ताकि लोग आसानी से कचरा न फैलाएं। लोगों को भी पानी का महत्व समझना होगा।
गंदगी करने वालों पर सख्ती जरुरी
सर्वधर्म जनसेवा समिति से रेखा अंजू तिवारी ने कहा कि यह उनका सौभाग्य रहा है कि हर वर्ष पत्रिका के पत्रिका अमृतम् जलम् अभियान में भागीदार बनने का मौका मिलता है। इससे वे समाज को जल संरक्षण के लिए जागरुक कर पाती हैं। लोगों को इस अभियान से प्रेरित होकर घर से लेकर मोहल्ला, नगर, गांव व शहर तक पानी को सहेजने आगे आना होगा। बारिश के पानी को वॉटर हार्वेस्ंिटग सिस्टम से एकत्रित कर वॉटर लेवल बढ़ाना होगा। इसके अलावा नदी, तालाब व अन्य जल श्रोत में गंदगी करने वालों पर सख्ती जरुरी है। जुर्माना आदि निर्धारित होगा, तभी जलाशयों को निर्मल रखा जा सकता है।
इस तरह के अभियान आवश्यक
पत्रिका ने हमेशा से समाज को कुछ न कुछ विशेष देने का काम किया है। चाहे वह हमराह हो या फिर पौधरोपण, महिला सशक्तिकरण हो या फिर पत्रिका अमृतम् जलम् अभियान। ऐसे अभियानों से समाज में जागरुकता बढ़ रही है। लोग अमृतम् जलम् अभियान के ध्येय को समझकर आत्मसात करें, नहीं तो आने वाला कल भयावह होगा। यह कहना है समाजसेवी लता खरे का। उन्होंने पत्रिका अमृतम् जलम् अभियान के माध्यम से लोगों को जल और पर्यावरण संरक्षण को समझते हुए इसमें भागीदार बनकर इसे विचारधारा का रूप देने अपील की है। शनिवार को भी बाबाघाट में बड़ी संख्या में श्रमवीर पहुंचकर घाट को संवारेंगे।