चलेगा विशेष अभियान
रविवार को पत्रिका अमृतम् जलम् अभियान के तहत यहां पर विशेष सफाई अभियान चलेगा। इस अभियान में शहर के समाजसेवी, वरिष्ठ नागरिक, प्रशासिनक अधिकारी-कर्मचारी, शिक्षा-स्वास्थ्य, महिलाएं, युवा जुटेंगे। नदी के घाटों को चकाचक करने के लिए नदी के अंदर अटे पड़े कचरे को निकाल फेंगेंगे। अभियान के माध्यम से बाबा घाट को निर्मल स्वरूप प्रदान किया जाएगा। घाट सफाई के बाद भागरथी शहर सहित जिलेभर में ‘अमृतÓ को संजोने के लिए शपथ लेंगे। इस अभियान में शहर के हर आम और खास सरीख होंगे।
अनदेखी से उपयोग लायक नहीं बचा पानी
शहर के गायत्री नगर से होकर गुजरी सिमरौल नदी के तट पर बने बाबाघाट लगभग 100 वर्ष पुराना है। यहां पर पंचवृक्षों (आम, पीपल, बरगद, ऊमर, पाकड़) के बीच श्रीहनुमान की विराजित हैं और सैकड़ों लोगों की आस्था का केन्द्र है। घाट व नदी की अनदेखी का नतीजा यह है कि स्थल बदहाली का शिकार है। स्थानीय जनों का कहना है कि पूर्व में नदी के पानी का उपयोग लोग करते थे लेकिन सफाई न होने से अब उसका उपयोग लोगों ने बंद कर दिया है। स्थल पर सालभर धार्मिक आयोजन व मेले लगते हैं लेकिन सफाई और गहरीकरण न होने से स्थान पर गर्मियों तक पानी बहुत कम हो जाता है। यहां पर कार्तिक पूर्णिमा में जहां सवा लाख दीप जलाने के साथ सैकड़ों लोग दीपदान करने पहुंचते हैं और मेले का आयोजन किया जाता है तो उत्तर भारतीयों के प्रमुख छठ पर्व पर भी दो दिन तक बड़ा आयोजन होता है।
इन दिनों में भी होता है पूजन
आंवला नवमीं शहर भर से लोग यहां पहुंचकर पूजन करते हैं और मेले का भी आयोजन किया जाता है। इसके अलावा हनुमान जयंती पर भी मेले के साथ सैकड़ों श्रद्धालु कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचते हैं। इसके चलते सिमरौल नदी के इस घाट का अधिक महत्व है। बाबाघाट में पूर्व में पत्रिका ने अमृतम जलम अभियान के तहत सफाई अभियान चलाया था। अब 19 मई से एक बार फिर से पत्रिका के साथ शहर के भागीरथी नदी को निर्मल बनाने के लिए श्रमदान करने जुटेंगे। नदी घाट से कचरा हटाया जाएगा और लोगों को जल बचाने की शपथ भी दिलाई जाएगी।