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पत्रिका अमृतं जलम्: सिमरौल नदी की सफाई के लिए बाबाघाट में उमड़ी भीड़

locationकटनीPublished: May 13, 2018 11:29:24 am

महापौर, कलेक्टर, एसपी, जिला पंचायत सीईओ, डॉक्टर सहित शहर के गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में पहुंचे

patrika Amrtam Jalam: Baburghat rush to clean the river Simraul

पत्रिका अमृतं जलम्: सिमरौल नदी की सफाई के लिए बाबाघाट में उमड़ी भीड़

कटनी. जलस्रोत की सफाई के लिए हाथ में फावड़ा, कचरे की सफाई करने जाली और तगाड़ी में कचरा उठाकर एक स्थान पर एकत्रित करने का सिलसिला एक बार जो शुरु हुआ तो लगातार चलता ही गया। जिला मुख्यालय से गुजरने वाली सिमरौल नदी की सफाई के लिए शहर के लोग बड़ी संख्या में बाबाघाट पहुंचे। सफाई का काम सुबह 6.30 बजे से प्रारंभ हुआ तो लगातार 9 बजे तक चलता ही गया।
बाबाघाट का है विशेष महत्व
बाबाघाट समूचे शहर के लोगों के लिए आस्था का विशेष केंद्र हैं। उत्तर भारतियों के सूर्य उपासना का महापर्व छठ की छटा इसी घाट पर बिखरती है। महिलाएं व पुरुष सिमरौल के जल से आचमन कर उगते और डूबते सूर्य को अघ्र्य देकर पुण्य वर्धन करते हैं। इसके साथ ही इस घाट काधार्मिक महत्व बहुत है। दुर्गोत्सव, गणेश उत्सव, देव उठनी एकादशी, हनुमान जयंती, बसंत पंचमी, रामनवमीं सहित अन्य धार्मिक त्योहारों के लिए बाबा घाट का विशेष महत्व है। त्योहार पर हजारों की संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं और पूजा-अर्चन करते हैं। आंवला नवमीं पर घाट में लगने वाला मेला, देव उठनी एकादशी पर हजारों दीपों से जगमगाता घाट हर किसी को अपनी ओर खींच लेता है।
700 से ज्यादा लोगों ने की सफाई
पत्रिका के इस महाअभियान में 7 सौ अधिक लोगों ने पसीना बहाया। नदी सफाई का क्रम सुबह 6.30 बजे से एक बार प्रारंभ हुआ तो फिर लगातार सुबह 9 बजे तक चलता ही गया। शहर के विभिन्न कोने से लोग आते रहे और सफाई कर चलते गए। यहां आने वाले सभी नागरिकों का यही कहना था कि पत्रिका के इस महाअभियान के बाद बाबाघाट की तस्वीर ही बदल गई है।
पत्रिका के अभियान से बदली तस्वीर
पत्रिका द्वारा बाबाघाट में चलाए जा रहे इस अभियान को लेकर मंदिर के पुजारी सतीश मिश्रा ने बताया कि पत्रिका के अभियान के बाद अब धार्मिक आयोजनों के दौरान भी लोग पॉलीथीन नहीं फेंकते, कचरा नहीं फैलाते। इस जलस्रोत की सफाई की दिशा में पत्रिका के अभियान का असर यह रहा है कि घाट की तस्वीर ही बदल गई है।
ढोल ताशे के साथ पहुंचे सफाई करने
पत्रिका के अभियान में शामिल होने के लिए शहर के नागरिकों का उत्साह ऐसा रहा कि सुबह-सुबह ही माधवनगर से राजाजगवानी के साथ ही उनके साथी ढोल ताशे के साथ ही बाबाघाट पहुंचे। राजा जगवानी ने बताया कि पत्रिका का अभियान समाज को एक नई दिशा देगा। वर्तमान में ज्यादातर आबादी जलसंकट से जूझ रहा है। पत्रिका के अभियान में बाद लोगों में जलस्रोतों के संरक्षण को लेकर जागरुकता बढ़ी है।
ये हुए शामिल
महापौर शशांक श्रीवास्तव, नगर निगम अध्यक्ष संतोष शुक्ला, कलेक्टर केवीएस चौधरी, एसपी अतुल सिंह, सीईओ जिला पंचायत फे्रंक नोबेल ए, सीएस डॉ. एसके शर्मा, डॉ. यशवंत वर्मा, कॉलेज प्रोफेसर डॉ. एसबी भारद्वाज, रुकमणि प्रताप सिंह, कोतवाली टीआई शैलेष द्विवेदी, राजा जगवानी सहित बड़ी संख्या में शहर के विशिष्टजन शामिल हुए।
इन संस्थाओं के सदस्य हुए शामिल
स्काउट एवं गाइड, एनएसएस, माधवनगर विकास संघर्ष समिति, नेक कदम, अजाक्स संघ, अजाक विकास संघ, सर्वधर्म जन सेवा समिति, एहसास वेलफेयर सोसायटी, सत्य साईं सेवा समिति, जायंट्स ग्रुप कटनी सहेली, उपभोक्ता उत्थान संगठन, हरे ब्रम्हा योग समिति, महिला शक्ति बाल विकास, वरिष्ठ नागरिक मंच, पेंशनर्स एसोसिएशन, संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, मप्र संविदा संयुक्त कर्मचारी संघ, राज्यकर्मचारी संघ, ओम योग केंद्र, सहित अन्य संगठन के सदस्य हुए शामिल।
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