यह हैं बातचीत के अंश
रिपोर्टर रोजगार कार्यालय की एजेंसी यशस्वी कार्यालय पहुंचा। यहां पर पदस्थ रिशेप्सनिष्ट (सोनाक्षी गुप्ता) से कहा कि मैडम उद्योग कार्यालय गए थे तो उन्होंने कहा कि रोजगार कार्यालय से ही काम मिलेगा। प्लीज कहीं काम लगवा दीजिए। मैडम ने कहा कि कहां काम करोगो। रिपोर्टर ने कहा कि कहीं पर भी दिलवा दीजिए। रिशेप्सनिष्ट ने कहा कि इंदौर जाकर काम करेंगे। रिपोर्टर ने कहा कि वहां कोरोना बहुत है तो कर्मचारी ने कहा कि काम करना है तो जाना पड़ेगा। लोकल में तो कुछ काम नहीं है। पीज्जा डिलेवरी का है काम कटनी में यदि कर पाओ तो कर लो। लोकल में कोई जॉब नहीं है। रिपोर्टर ने कहा कि कटनी में कहीं फैक्ट्री में काम दिलवा दीजिए तो कहा कि बहुत दिक्कत है। दिल्ली, इंदौर, गुणगांव, अहमदाबाद में काम मिल सकता है। रिपोर्टर ने कहा कि जहां पर अभी ज्यादा कोरोना न हो वहां करा दीजिए। तो मैडम ने कहा कि यदि इतना सोचोगे तो कहीं नहीं जा पाओगे।
जॉब निकलेगी तो फोन करेंगे
कटनी में सिर्फ कुछ डिलेवरी ब्वॉय का काम है, देश में कहीं सेफ जोन नहीं है। तुम्हारे मन का काम तो कहीं नहीं मिलेगा। रिपोर्टर ने कहा कि कटनी शहर सहित आसपास के जिलों की कंपनी में काम दिलवा दीजिए तो मैडम ने कहा कि अभी तो मुश्किल है। नाम-पता नोट करने के बाद कहा कि उम्र 31 वर्ष हो गई है अब आप लोगों को कहीं पर काम मिलना भी मुश्किल है। क्योंकि 20-22 साल तक के युवाओं ही कंपनी में काम मिलता है। मैडम ने कहा कि गांव में रहते हैं तो खेती क्यों नहीं करते। रिपोर्टर ने कहा कि ज्यादा नहीं है। इसके बाद मैडम ने कहा कि खुद ही बता दो किस शहर में काम करोगे। सेल्स जॉब कर लोगे यदि तो ऑफिस का नंबर नोट कर लो, जब जॉब आएगी तो फोन कर दिया जाएगा।
तीन कार्यालयों के लगवाया चक्कर
हैरानी की बात तो यह है कि बेरोजगारों को न तो रोजगार मिल रहा और ना ही उनकी व्यथा कोई सुनने वाला है। जब रिपोर्ट रोजगार कार्यालय में काम करने वाली एजेंसी के कार्यालय में पहुंचा तो वहां से यह कहकर भगा दिया गया कि अब यह कार्यालय उद्योग विभाग में शिफ्ट हो गया है वहां चले जाओ। वहां पहुंचे तो राजेश कुमार पटेल सहायक संचालक ने यह कहकर चलता कर दिया कि यहां से कुछ नहीं होगा नगर निगम जाओ। फिर रोजगार कार्यालय पहुंचे तो बड़ी मुश्किल में सुनवाई हुई।
इनका कहना है
रोजगार मेला, कैरियर काउंसलिंग आदि काम यशस्वी कंपनी देख रही है। कोई भी डाटा या कितने युवाओं का काम मिला इसकी जानकारी ये भोपाल मुख्यालय को देते हैं। कोरोना के कारण युवाओं को बाहर नहीं भेजते। लोकल ही काम दिलाने का प्रयास किया जाता है। कंपनी में स्टॉफ भी पूरा नहीं है। कार्यालय पहुंचने वाले युवाओं की काउंसलिंग कर काम दिलाने का काम कंपनी को करना चाहिए।
डीके पासी, जिला रोजगार अधिकारी।